नई दिल्ली.  चीन ने अपने दुष्ट कर्मों से भारत जैसा बड़ा बाजार खो दिया है, ऐसा लगने लगा है. और अब भारत इस दुष्ट राष्ट्र को दंडित करने के लिए कृतसंकल्प होता दिख रहा है. अपने बीस जवानों की धोखे से ली गई जानों का प्रतिशोध भारत लेकर रहेगा और इसके लिए भारत ने एक और योजना बनाई है.


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भारत सरकार का रोष आने लगा सामने 


जहां एक तरफ भारत के एक सौ सैंतीस करोड़ लोग चीन की आर्थिक कमर तोड़ने का मन बना चुके हैं, देश की सरकार भी चीन को यथासम्भव आर्थिक दंड देने की दिशा में आगे बढ़ रही है. पहले तो पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता का संकल्प ले कर चीन के आर्थिक ताबूत पर पहली कील लगाईं थी. उसके बाद अब बीएसएनएल और भारतीय रेलवे द्वारा चीनी उपकरणों और चीनी कंपनियों को बेदखल करने के साथ भारत सरकार ने एक और योजना बनाई है जो चीन के होश ठिकाने लाएगी.


तीन सौ उत्पादों पर बढ़ाई इम्पोर्ट ड्यूटी 


भारत ने चीन से प्रतिशोध लेने के लिए एक अहम् योजना को मूर्त रूप दिया है. इस योजना के क्रियान्वयन से बढ़ जाएंगी घमंडी चीन की परेशानियां.  इस योजना से संबंधित दो सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए  बताया कि भारत लगभग 300 चाइनीज उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने जा रहा है ताकि उनका आयात कम किया जा सके.



 


रोका जायेगा चीनी सामानों का आयात


सीमा पर चीन की हरकतों को ध्यान में रख कर भारत सरकार ने अब योजना बनाई है कि चीन से भारत आने वाले सामानों पर रोक लगाई जायेगी. अंदरूनी जानकारियों के अनुसार सरकार अप्रैल से ही इस योजना पर काम कर रही है. मोदी सरकार अब लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने की घोषणा पर काम करते हुए आगामी तीन महीनों में नया ड्यूटी स्ट्रक्चर धीरे-धीरे क्रियान्वित किये जाने की संभावना है. इस योजना में वाणिज्य व वित्त मन्त्रालय शामिल हैं. 


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