Indian Navy की बढ़ी ताकत, पहली बार करेगी `मेड इन इंडिया` गोला-बारूद का इस्तेमाल
भारतीय नौसेना पहली बार एक प्राइवेट कंपनी द्वारा निर्मित 100 प्रतिशत स्वदेशी 30 मिमी हाई विस्फोटक बंदूक गोला बारूद का उपयोग करेगी. अधिकारियों ने यह जानकारी शनिवार को दी.
मुंबई: भारतीय नौसेना पहली बार एक प्राइवेट कंपनी द्वारा निर्मित 100 प्रतिशत स्वदेशी 30 मिमी हाई विस्फोटक बंदूक गोला बारूद का उपयोग करेगी. अधिकारियों ने यह जानकारी शनिवार को दी.
भारतीय नौसेना को मिली गोला-बारूद की पहली खेप
गोला-बारूद का उत्पादन सोलर ग्रुप की नागपुर की इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड द्वारा किया गया है, जिसे भंडारा ऑर्डनेंस फैक्ट्री के प्रणोदक स्रोतों के साथ 12 महीनों के भीतर परीक्षण और वितरित किया गया था.
सोलर ग्रुप के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सत्यनारायण एन. नुवाल ने बारूद की पहली खेप वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमडे, वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ को सौंपी.
रक्षा अधिकारी ने कहा, "यह पहली बार है कि सेवाओं ने एक भारतीय निजी कंपनी के साथ पूर्ण बंदूक गोला बारूद की डिलीवरी के लिए एक आदेश दिया है, जिसे एक वर्ष के भीतर निष्पादित किया गया था. भारतीय नौसेना ने ड्राइंग, डिजाइन स्पेसिफिकेशन, निरीक्षण उपकरण, सबूत और गोला-बारूद के परीक्षण को अंतिम रूप देने के माध्यम से तकनीकी सहायता प्रदान की."
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
इसके साथ, भारतीय नौसेना ने 30 मिमी उच्च विस्फोटक बंदूक गोला बारूद के लिए आपूर्ति का एक वैकल्पिक स्रोत सफलतापूर्वक विकसित किया है, जो आत्मनिर्भर भारत नीति के हिस्से के रूप में स्वदेशी रूप से उत्पादित है.
1995 में स्थापित सोलर ग्रुप औद्योगिक विस्फोटक खंड में प्रमुख प्लेयर्स में से एक है और इसने रक्षा क्षेत्र में भी कदम रखा है.
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