मुंबई. देश के एक वयोवृद्ध क्रिकेटर ने अपनी आखिरी सांसें लीं. दुनिया में गेंदबाज़ी का एक बड़ा हिन्दुस्तानी नाम बापू नाडकर्णी है जिनसे अब उनके प्रशंसक नहीं मिल सकेंगे. कल शुक्रवार को छियासी वर्षीय बापू नाडकर्णी का मुंबई में देहावसान हो गया. 



डाले थे लगातार इक्कीस ओवर मेडन 


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बापू नाडकर्णी एक ज़माने में दुनिया के गेंदबाज़ों के बापू हुआ करते थे. हिन्दुस्तान की स्पिन का लोहा वे अंग्रेज़ खिलाड़ी भी मानते थे जिन्होंने भारत में क्रिकेट की शुरुआत की थी. बापू ने एक बार तो ऐसी गेंदबाज़ी की कि लगा शायद उनकी बाल पर कभी भी कोई रन नहीं बन सकेगा. उन्होंने लगातार एक के बाद एक इक्कीस ओवर्स मेडन फेंके थे. इस पारी में अपने फेंके कुल 32 ओवर्स में से 27 ओवर बापू ने मेडन फेंके थे और रन दिए थे सिर्फ 7.


बापू थे दिग्‍गज भारतीय ऑलराउंडर 


क्रिकेट जगत के सबसे किफायती गेंदबाज़ बापू नाडकर्णी न केवल गेंदबाज़ी के जादूगर थे, बल्लेबाज़ी में भी वे कमाल के थे. अपने शुरूआती दौर के ही एक मैच में उन्होंने बॉम्बे के खिलाफ 103 गेंदों में 103 रन बना कर अपनी टीम को जीत दिला दी थी. 



बापू नाडकर्णी के क्रिकेट आंकड़े 


बापू नाडकर्णी ने देश के लिए केवल 41 मैच ही खले थे. भारतीय टीम में उनका चयन गेंदबाज़ के तौर पर होता था लेकिन उनकी भूमिका एक आलराउंडर की हुआ करती थी. बापू ने भारत की तरफ से खेले अपने 41 टेस्ट मैचों में कुल 1414 रन बनाए और 88 विकेट लिए. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के तौर पर उन्होंने एक मैच में 43 रन देकर छह विकेट लिए थे. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने दुहरा शतक भी लगाया था और उनका उच्चतम स्कोर 282 रन नॉटआउट था. 


आयु संबंधी समस्याएं थीं बापू को 


बापू नाडकर्णी के देहावसान का कारण उनकी बड़ी उमर थी. वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.  उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं. 


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