नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 18 से 21 सितंबर के बीच संसद (Parliament) का विशेष सत्र बुलाया है. हर कोई इसी कौतूहल में हैं कि विशेष सत्र बुलाने के पीछे सरकार का क्या मकसद है. इस बीच चर्चा चल रही है कि मोदी सरकार विशेष सत्र के दौरान भारत का अंग्रेजी नाम 'इंडिया' खत्म कर सकती है. यदि ऐसा होता है तो विपक्षी गठबंधन के लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. 


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भाजपा सांसद बोले- हटाया जाए इंडिया नाम 
भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ यादव ने भी हाल ही में संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाने की मांग की थी. यादव ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी लोगों से 'भारत' नाम बोलने की अपील की है. इंडिया नाम गुलामी का संकेत है. अंग्रेजों ने उन लोगों को इंडिया शब्द दिया है, जो उनके अनुसार जाहिल, मूर्ख या अपराधी हैं. इसलिए जरूरी है कि इसे संविधान से हटाना चाहिए. 


जयराम रमेश के दावे से मची खलबली
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने जी-20 सम्मेलन से पहले केंद्र की मोदी सरकार पर एक आरोप लगाया है, जिसके चलते नाम बदलने की खबर को और हवा मिली है. जयराम रमेश का दावा है कि जी-20 समिट के लिए 9 सितंबर को होने वाले रात्रि भोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' को बदला गया है। इसमें 'इंडिया' शब्द को हटाकर 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' का इस्तेमाल किया गया है. इसके बाद से विपक्षी पार्टियों को आशंका है कि मोदी सरकार विशेष सत्र में नाम बदलने का प्रस्ताव ला सकती है.


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