पाकिस्तान में पढ़ाई करने वाले इसरो के इस वैज्ञानिक का लोहा मानती है दुनिया, भारत का बढ़ाया है मान

भारत ने बुधवार को उस वक्त इतिहास रच दिया जब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला हिंदुस्तान पहला देश बन गया. इस मौके पर ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका गए पीएम मोदी लाइव जुड़े.
नई दिल्लीः भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की है. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. ऐसे में आज उस वैज्ञानिक के बारे में बात करना अहम है जिसने पूरी दुनिया में भारत की क्षमता का लोहा मनवाया था. आइए बात करते हैं सतीश धवन के बारे में...
सतीश धवन के नाम पर है अंतरिक्ष केंद्र
भारत ने चंद्रयान-3 को जहां से लॉन्च किया था उस जगह का नाम सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है. इस अंतरिक्ष केंद्र का नाम पहले भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र था, लेकिन 2002 में सतीश धवन की मृत्यु के बाद इस केंद्र का नाम बदलकर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र कर दिया गया. सतीश धवन भारत के प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर थे और उनके मार्गदर्शन में ही भारत का पहला सैटेलाइट 'आर्यभट्ट' लॉन्च हुआ था.
पाकिस्तान में हुई पढ़ाई
सतीश धवन का जन्म 25 सितंबर, 1920 को श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने पाकिस्तान के लाहौर स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी. इसके बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के लिए उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में दाखिला लिया और 1954 में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की.
इसरो के तीसरे चेयरमैन बने सतीश
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में उन्होंने बड़ा योगदान दिया और वह इसरो के तीसरे चैयरमैन भी बने थे. उन्होंने सैटेलाइट कम्युनिकेशन और लॉन्च व्हीकल पर भी रिसर्च किया था.
भारत ने की सफल लॉन्चिंग
भारत ने बुधवार को उस वक्त इतिहास रच दिया जब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला हिंदुस्तान पहला देश बन गया. इस मौके पर ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका गए पीएम मोदी लाइव जुड़े. सफल लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने हाथ में तिरंगा लेकर उसे फहराया.
चंदा मामा बस एक टूर के...
इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां धरती को मां कहा जाता है और चांद को मामा. लोग कहते थे कि चंदा मामा बहुत दूर के लेकिन अब इस सफल परीक्षण के बाद कहा जाएगा कि चंदा मामा बस एक टूर के. पीएम मोदी ने कहा कि इसरो की इस सफलता के बाद पूरी दुनिया भारत को आशा भरी निगाह से देखेगी. इस दौरान वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर पीएम मोदी का स्वागत किया.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.