ISRO ने श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया INSAT-3DS, जानिए- क्यों है भारत के लिए जरूरी?
INSAT-3DS Launched: सैटेलाइट सर्च और रेस्क्यू के लिए डाटा देगा और साथ ही मौसम से जुड़ी सटीक जानकारी देने में भी यह उपग्रह सहायक होगा और आने वाली आपदा को लेकर चेतावनी के लिए भूमि और महासागर सतहों की निगरानी भी करेगा.
INSAT-3DS Launched: जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल (GSLV) रॉकेट पर INSAT-3DS मौसम उपग्रह ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी. मिशन का लक्ष्य वर्तमान परिचालन INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की निरंतरता को बनाए रखना है.
अपने 16वें मिशन में, GSLV रॉकेट ने INSAT-3DS मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) यानी पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में स्थापित किया.
यह सैटेलाइट सर्च और रेस्क्यू के लिए डाटा देगा और साथ ही मौसम से जुड़ी सटीक जानकारी देने में भी यह उपग्रह सहायक होगा और आने वाली आपदा को लेकर चेतावनी के लिए भूमि और महासागर सतहों की निगरानी भी करेगा.
इसरो के INSAT-3DS मिशन के उद्देश्य
1. पृथ्वी की सतह की निगरानी करना, महासागरों का निरीक्षण करना और विभिन्न आवश्यक मौसम संबंधी दृष्टिकोणों के माध्यम से पर्यावरण का विश्लेषण करना.
2. वर्टिकल प्रोफाइल के माध्यम से विविध वायुमंडलीय स्थितियों पर जानकारी प्रदान करना.
3. डेटा संग्रह प्लेटफॉर्म (DCPs) से डेटा संग्रह और प्रसार का प्रबंधन करना.
4. सर्च और रेस्क्यू सर्विस के लिए उपयोग में आना.
बता दें कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह सैटेलाइट शाम 5.35 मिनट पर लॉन्च किया गया. वहीं, इस साल यह इसरो का दूसरा मिशन है. इससे पहले 1 जनवरी 2024 को PSLV-C58/EXPOSAT मिशन की लॉन्चिंग हुई थी.
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