UP में कठोर कानून से ही जनसंख्या नियंत्रण? `योगी मॉडल` के लिए आज का दिन अहम
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण पर आज योगी सरकार उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 का विमोचन करेगी. इस नीति में प्रदेश की जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए कुछ नियम कानून तैयार किए गए हैं.
नई दिल्ली: 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर यूपी की योगी सरकार नई जनसंख्या नीति घोषित करने वाली है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार सुबह 11.30 बजे उत्तर प्रदेश जन संख्या नीति 2021-2030 का विमोचन करेंगे.
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम आवास पर ये कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस दौरान जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्घाटन भी किया जाएगा. .यूपी विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार किया है. यूपी विधि आयोग ने जनता से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं. बिल की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड की है. इसमें क्या-क्या प्रावधान हैं वो आपको समझाते हैं.
यूपी का जनसंख्या कानून ड्राफ्ट
2 से ज्यादा बच्चे तो, सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा. सरकारी नौकरियों में मौका नहीं मिलेगा. स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और राशन कार्ड में चार से अधिक सदस्य नहीं होंगे.
यूपी विधि आयोग चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल ने कुछ अहम जानकारी साझा की. यूपी विधि आयोग ने कहा कि पास होने के 1 साल बाद कानून लागू होगा. कानून से प्रोत्साहन ज्यादा, हतोत्साहन नहीं होगा. सभी जाति-धर्म को देखते हुए मसौदे पर काम होगा. विशेष जाति को टारगेट नहीं किया जाएगा. नसबंदी स्वैच्छिक, जबरदस्ती नहीं की जाएगी. दो बच्चे वालों को ही सरकारी नौकरी का प्रस्ताव होगा. गरीबी रेखा से नीचे वालों को 1 बच्चे का प्रोत्साहन होगा. नियम का पालन नहीं, तो सरकारी लाभ नहीं मिलेगा. स्वत संज्ञान लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया. अगस्त के दूसरे हफ्ते में ड्राफ्ट सरकार के हवाले कर दिया जाएगा.
बच्चा अगर एक, फायदे अनेक
ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वालों को अनेक फायदे मिल पाएंगे. 1 बच्चे के बाद नसबंदी कराने पर स्वास्थ्य सुविधा होगी. एकल बच्चा लड़का है तो 80 हजार रुपये की मदद मिलेगी. एकल बच्चा लड़की है तो 1 लाख रुपए दिए जाएंगे. बच्चे के 20 साल का होने जाने तक बीमा कवरेज होगा. उच्च शिक्षा संस्थान में दाखिले पर बच्चे को फायदा मिलेगा. सरकारी नौकरियों में एकल बच्चे को प्राथमिकता मिलेगी और एक बच्चा लड़की हो, तो ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी.
यूपी की आबादी और योगी का प्लान!
सबसे ज्यादा आबादी का राज्य की जनसंख्या 23 करोड़ है. यूपी में जन्म दर राष्ट्रीय औसत से अभी 2.2% अधिक है. आखिरी बार जनसंख्या नीति साल 2000 में आई थी. जन्म दर 2.7% है, 2026 तक 2.1% लाने का लक्ष्य है.
2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी.
नई जनसंख्या नीति जारी करने के अलावा सीएम योगी 11 जिलों में 11 बीएसएल-2 आरटीपीसीआर लैब का लोकार्पण भी करेंगे. विभाग की अभी कुल 22 आरटीपीसीआर लैब हैं. ऐसे में प्रदेश में अब बीएसएल-2 स्तर की आरटीपीसीआर लैब की संख्या 44 हो जाएगी. इन लैब के शुरू होने के बाद इन जिलों में कोरोना की जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी और इलाज भी जल्दी शुरू हो सकेगा.
जनसंख्या नीति विपक्ष के लिए चुनावी स्टंट?
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भरोसा जताया है कि सभी लोग इस जनसंख्या नीति का हिस्सा बनेंगे. हालांकि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता पहले अपनी संतानों के बारे में बताए. जनसंख्या नीति में खास क्या है और इससे कैसे 2 बच्चे वालों को फायदा मिलेगा.
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज यहां कहा की नई जनसंख्या नीति लागू करने से पहले सरकार के मंत्री और नेता अपनी संतानों के बारे में जानकारी दें. खुर्शीद ने सरकार के मंत्रियों और नेताओं से वैध-अवैध संतानों तक की जानकारी मांग डाली.
जनसंख्या पर देश में चलेगा 'योगी मॉडल'?
वहीं योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति को लेकर राज्य सरकार के मंत्री मोहसिन रज़ा ने बातचीत में कहा कि जनसंख्या पॉलिसी बहुत जरूरी है. भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों को टोपी से टाई की तरफ ले जाना चाहती है. हम जन संख्या नियंत्रण कानून भी लाएंगे. विपक्ष नहीं चाहता कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने.
बढ़ती आबादी हर मुसीबत की जड़ है. आबादी बेहिसाब ना बढ़े, तो किसी चीज की कमी ना हो. ना बिजली की, ना पानी की, न डॉक्टरों की और ना टीचर्स की. लेकिन जब सभी ये मानते हैं तो फिर जनसंख्या नियंत्रण कानून के नाम पर इतन कलह क्यों? यूपी के लॉ कमीशन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार कर दिया है. पब्लिक के बीच भी रख दिया है और 19 जुलाई तक सभी से राय मांगी है.
जनसंख्या कानून पर कौन गुमराह कर रहा है?
ड्राफ्ट का मजमून है कि यूपी में जिसके 2 ही बच्चे उसी के दिन अच्छे, लेकिन एक बार फिर इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है. कांग्रेस कह रही है कि इसमें एक धर्म को टारगेट क्यों किया जा रहा है? कांग्रेस ने कहा कि ये बिल धार्मिक बंटवारे की साजिश है. हांलाकि ड्राफ्ट पूरे यूपी के लिये है, इसमें हिंदू-मुसलमान किसी का नाम नहीं लिया गया है. दूसरी पार्टी है समाजवादी पार्टी, जो कह रही है कि ये जनसंख्या बिल चुनावी स्टंट है.
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