नई दिल्ली: झारखंड के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्हें अयोग्य घोषित करने की सूचना चुनाव आयोग जारी करेगा. संभावना जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगले कुछ घंटों में इस्तीफा दे सकते हैं. इसके बाद वह दोबारा विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपकर फिर से सीएम पद की शपथ ले सकते हैं.


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नहीं की गई है आधिकारिक पुष्टि
हेमंत सोरेन आगे चुनाव लड़ सकते हैं या नहीं, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. राजभवन की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. जानकारों का कहना है कि सत्ताधारी गठबंधन के पास विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल है, इसलिए फिर से सरकार बनाने में तकनीकी तौर पर दिक्कत नहीं है.


सीएम हाउस में हो रही है बैठक
राज्यपाल के फैसले की भनक मिलते ही यूपीए गठबंधन के विधायकों और आला नेताओं की बैठक सीएम हाउस में हो रही है. सभी विधायकों को हर हाल में रांची में ही रहने को कहा गया है. हेमंत सोरेन इस्तीफा देने के साथ दुबारा सरकार बनाने का दावा करेंगे.


बता दें कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर यह संकट इस वजह से गई कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम 88 डिसमिल के क्षेत्रफल वाली पत्थर खदान लीज पर ली थी.


राज्यपाल के पास की थी शिकायत
भाजपा ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ का पद) और जन प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन का मामला बताते हुए राज्यपाल के पास शिकायत की थी. राज्यपाल ने इसपर चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा था.


आयोग ने शिकायतकर्ता और हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर इस मामले में उनसे जवाब मांगा और दोनों के पक्ष सुनने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजभवन को भेजे मंतव्य में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी.


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