झारखंड में सरकार बनाएंगे चंपई सोरेन, आखिरकार राजभवन ने भेजा बुलावा
बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपना नेता चंपई सोरेन को चुन लिया था. गवर्नर के पास 43 विधायकों के समर्थन का दावा भी पेश कर दिया गया था.
नई दिल्ली. झारखंड में राजभवन की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता भेज दिया गया है. बृहस्पतिवार शाम को मीडिया से बातचीत में चंपई सोरेन ने कहा था कि उन्होंने गवर्नर से सरकार बनाने की पहल जल्द से जल्द करने का आग्रह किया है. दरअसल बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपना नेता चंपई सोरेन को चुन लिया था. गवर्नर के पास 43 विधायकों के समर्थन का दावा भी पेश कर दिया गया था.
इससे पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक रांची एयरपोर्ट से वापस लौट गए थे. खराब मौसम के कारण उनका विमान हैदराबाद नहीं जा सका. विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने का यह फैसला सरकार बनाने की दावेदारी पर राज्यपाल द्वारा 20-22 घंटे बाद भी कोई निर्णय न लिए जाने की वजह से लिया गया था. ये सभी विधायक पिछले तीन दिनों से रांची के सर्किट हाउस में टिके थे. झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि खराब विजिबिलिटी के कारण हम नहीं जा सके. हम उनके (बीजेपी) के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.
वहीं सरकार बनाने का न्योता देने में देरी करने पर जेएमएम की सांसद महुआ मांझी ने कहा- हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही हमने सरकार बनाने का दावा किया था. हमारे साथ 43 विधायक भी गए थे. लेकिन हमें बुलाया नहीं गया. दूसरी तरफ बिहार में नई सरकार केवल पांच घंटे के अंदर ही बन गई. झारखंड में पूरा बहुमत होने के बावजूद 22 घंटे बीत जाने के बाद भी हमें बुलाया नहीं गया है. कोई वक्त भी नहीं दिया गया. यह सबकुछ इरादों पर सवाल खड़े करता है.
चंपई सोरेन ने गुरुवार शाम को दूसरी बार राजभवन पहुंचकर सरकार के लिए दावेदारी पेश की थी. लेकिन, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि वह इस बारे में अपना निर्णय शुक्रवार को बताएंगे. चंपई सोरेन ने मीडिया से बातचीत में कहा-'मैंने राज्यपाल से कहा है कि नई सरकार बनाने के लिए प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए.'