नई दिल्ली: भारतीय रणबांकुरों के शौर्य और पराक्रम का नजारा सामने आया है. राजस्थान के जैसलमेर में सेना और वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास से रेगिस्तान थर्रा उठा. दरअसल, भारतीय सेना और वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास 'सिंधु सुदर्शन' का आयोजन किया है. इस युद्धाभ्यास में 40,000 से अधिक जवान हिस्सा ले रहे हैं.


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धमाकों की गूंज से कांप उठे दहशतगर्द


थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना के दमखम, शौर्य और अदम्य साहस को देखकर चीन और पाकिस्तान की नींद उड़नी तय है. 'सिंधु सुदर्शन' युद्धाभ्यास ये बताने के लिए काफी है कि सरहद पर बुरी नजर गढ़ाने वालों को खाक में मिला दिया जाएगा. इन दिनों सीमा पर पाकिस्तान तरह-तरह की नापाक करतूत को अंजाम देने की फिराक में लगा हुआ है. कभी बॉर्डर से घुसपैठ की कोशिश, तो बार-बार सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन ऐसे में उसको उसकी हैसियत बनाते के लिए भारत के शूरवीर ने ट्रेलर दिखाना शुरू कर दिया है. रविवार को जैसलमेर में शुरू हुए युद्धाभ्यास के महज 48 घंटे में भारतीय सेना ने युद्ध जैसा महौल बना दिया.


अचूक बमबारी से दुश्मन के ठिकाने नेस्तनाबूद


युद्धाभ्यास के दौरान पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज धमाकों से गूंज उठी और सैनिकों ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर अचूक बमबारी कर ना सिर्फ उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया. बल्कि अपने अदम्य साहस का परिचय भी दिया. इस इंटीग्रेटेड फायर एक्सरसाइज में आर्टिलरी फायर, बोफोर्स, 130 गन फायर और सबसे ताकतवर K-9 वज्र गन की काबलियत का प्रदर्शन किया गया. युद्धाभ्यास के दौरान सेना के K-9 वज्र ने अचूक निशाने साधे. तो वहीं बोफोर्स तोप से गोले बरसे. जबकि मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के धमाकों से दुश्मन, खासकर आतंकियों के काल्पनिक ठिकाने तहस-नहस कर दिया गया. इसमें टी-90 टैंक, बीएमपी पिनाका रॉकेट लॉन्चर, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च, सॉल्टम गन, 105 एमएम गन, ग्रेड राकेट का भी इस्तेमाल किया गया.



5 दिसंबर तक सेना दिखाएगी दम


सेना के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में जवानों के साथ-साथ भारतीय हथियारों का भी दम दिखाया जा रहा है. जिससे पाकिस्तान की हवा निकलनी तय है. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना के जांबाज तरह-तरह से अपनी ताकत का नजारा पेश कर रहे हैं. ये युद्धाभ्यास आगामी 5 दिसंबरतक चलेगा.


वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन देख पाकिस्तान के उड़े होश


पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार को शुरू हुए युद्धाभ्यास में सेना की सुदर्शन चक्र वाहिनी और एयरफोर्स ने अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया. सेना के अटैकिंग हेलीकॉप्टर और वायुसेना के विमानों ने भी जबरदस्त बमबारी की. जिसके धमाकों से पूरी रेंज में रेत का गुबार छा गया.


युद्धाभ्यास के पीछे की वजह


जैसलमेर से लगती भारत-पाक सीमा के रेतीले धोरे भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के अदम्य शौर्य और साहस का गवाह बन रहे हैं. आपको बता दें, सेना की सुदर्शन चक्र कोर ने रेगिस्तान में पहली बार इस तरह का आयोजन किया है. थल और वायुसेना की मारक क्षमता को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए सेना की दक्षिणी कमान के 40 हजार से ज्यादा सैनिक अभ्यास कर रहे हैं. इसके जरिए ये भी अभ्यास किया जा रहा है कि कम समय में कैसे दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जाए, और वायुसेना कैसे आर्मी का साथ मिलकर दुश्मन पर विजय हासिल करें.


जाहिर है ये अपने आप में बहुत बड़ा संदेश है, क्योंकि जिस तरह भारतीय सेना ने तंगधार का बदला लेने के लिए बोफोर्स से पीओके में आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया. उससे पाकिस्तान छटपटा रहा है. मतलब साफ है कि हिंदुस्तानी फौज अब चुप नहीं बैठने वाली दुश्मन ने अगर भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की जुर्रत या हिंदुस्तानी सरहद में घुसने की कोशिश की तो भारतीय सेना उसका क्या हाल करेगी. थार के रेगिस्तान से भारतीय सेना ने दुनियाभर को दिखाना शुरू दिया है कि भारतीय सेना का दमखम दुनियाभर में किसी से कम नहीं है.