नई दिल्ली. कर्नाटक की सिद्दरमैया सरकार को अपने एक निर्णय पर विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार मंदिर के पैसों से अपना ‘खाली खजाना’ भरना चाहती है. केंद्रीय मंत्री  राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस की लूट का एटीएम चलाने के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हिंदू मंदिरों पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया है. चंद्रशेखर ने कहा-एक तरफ राहुल गांधी देश में 'जोड़ो यात्रा' निकाल रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की कांग्रेस पार्टी की सरकार कर्नाटक में हिंदू मंदिरों से 10 प्रतिशत टैक्स वसूलने का बिल लेकर आई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चंद्रशेखर का कहना है कि कर्नाटक को एटीएम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है क्योंकि इस तरह का टैक्स सिर्फ मंदिरों पर लगाया गया है, मस्जिदों या चर्च पर इस तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. कांग्रेस हिंदू भक्तों का पैसा अपने लूट के लिए इस्तेमाल करना चाहती है और राहुल गांधी की कांग्रेस तुष्टिकरण के मामले में लगातार नीचे गिरती जा रही है. 


राज्य सरकार के मंत्री ने किया फैसले का बचाव
इस बीच कर्नाटक सरकार में मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने दस लाख रुपये की सकल आय अर्जित करने वाले मंदिरों से राजस्व इकट्ठा करने संबंधी राज्य सरकार के कदम का गुरुवार को बचाव किया. कर्नाटक विधानसभा द्वारा बुधवार को पारित विधेयक के संबंध में, सिद्दरमैया सरकार ने कहा कि साझा योगदान वाले कोष की राशि बढ़ाना, अधिसूचित संस्थानों की प्रबंधन समिति में विश्व हिंदू मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला में कुशल व्यक्ति को शामिल करना, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए मंदिरों और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए जिला-राज्य स्तरीय समितियों का गठन करना आवश्यक था.


रामलिंगा रेड्डी ने कहा ये प्रावधान नए नहीं हैं. उन्होंने कहा- अब हमने यह किया है कि अगर आय 10 लाख रुपये तक है तो हमने इसे धार्मिक परिषद को भुगतान करने से मुक्त कर दिया है. हमने ऐसे मंदिरों से पांच प्रतिशत राशि वसूलने का प्रावधान किया है जिनकी सकल आय 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच है. मंत्री ने कहा कि राज्य में 40,000 से 50,000 पुजारी हैं, जिनकी राज्य सरकार मदद करना चाहती है.


क्या है मामला?
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार से कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 में अन्य धर्मों के व्यक्तियों को मंदिर प्रबंधन का सदस्य बनने की अनुमति देने वाले प्रावधान को वापस लेने का आग्रह किया है. नया बिल बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया और सहमति हासिल की गई. नए बिल के मुताबिक, दूसरे धर्म के व्यक्ति भी किसी मंदिर के प्रबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. इसके अलावा एक करोड़ से कम आय वाले मंदिरों की आय का पांच प्रतिशत और एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मंदिरों की आय का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार को सौंपना होगा.


ये भी पढ़ें- Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को मिली Z प्लस सुरक्षा, जानें देश में कितने लोगों के पास?


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.