Karnataka Elections 2023: बीजेपी ने इस वजह से लगाया नए चेहरों पर दांव, सर्वे में हुआ था ये बड़ा खुलासा?
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनावी विश्लेषकों की मानें तो इस राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए थोड़ी मुश्किल आ रही है, जबकि कांग्रेस और अन्य पार्टियों को इस राज्य में अब उम्मीद दिखने लगी है.
नई दिल्लीः कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनावी विश्लेषकों की मानें तो इस राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए थोड़ी मुश्किल आ रही है, जबकि कांग्रेस और अन्य पार्टियों को इस राज्य में अब उम्मीद दिखने लगी है.लेकिन इसी बीच बीजेपी ने टिकट में एक बड़ा खेल करते हुए पार्टी के कई मौजूदा विधायकों और बड़े नेताओं का टिकट काट दिया और नए चेहरों पर भरोसा जताया. इसको लेकर दिग्गजों ने सवाल भी उठाए और कहा कि बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. लेकिन असलियत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है.जानिए हम ऐसा क्यों कह रहे हैं.
सर्वे में टिकट को लेकर कई खुलासे
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि नए चेहरों को मैदान में उतारने के बाद पार्टी के नए सर्वे में पता चला है कि उसे 116 से अधिक सीटें मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और पीएम मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं द्वारा राज्य में रैलियां करने के बाद पार्टी की संख्या में और वृद्धि होगी. मोदी पूरे कर्नाटक में 20 रैलियों को संबोधित करेंगे.
कई दिग्गज नेता करेंगे प्रचार
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी चुनाव जीतने का अनुभव रखने वाले पूर्व मंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों और पूर्व मंत्रियों सहित पार्टी के नेताओं को सभी जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव कार्य की निगरानी के लिए भेजा जाएगा. हर विधानसभा के लिए रणनीति बनाई गई है. शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई नेताओं के साथ बैठक की और उनसे ग्राउंड रिपोर्ट ली.
इस वजह से भी पार्टी ने खेला ये दांव
भाजपा ने अपने कई विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को दूर करने के लिए नए चेहरों को मैदान में उतारा. उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों और मजबूत संगठनात्मक ताकत से पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल करने में मदद मिलेगी. कांग्रेस के आरोपों पर कि भाजपा ने लिंगायत नेताओं को दरकिनार किया, उन्होंने कहा कि पार्टी के गलत सूचना अभियान का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यह कांग्रेस थी जिसने लिंगायतों का अपमान किया था.
लिंगायतों का साथ मिलने की उम्मीद
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राज्य के लिंगायत समुदाय को बांटने की कोशिश की है और उनका अपमान किया है. कतील ने कहा कि हालांकि भाजपा राज्य में बहुत कम समय के लिए सत्ता में रही है, समुदाय के तीन नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया गया है. अभी भी सीएम लिंगायत समुदाय से हैं और अगर अगला सीएम इसी समुदाय से होना है तो सिर्फ बीजेपी ही बना सकती है कांग्रेस या कोई और पार्टी नहीं.
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