नई दिल्लीः कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने मंदिरों के नवीनीकरण और विकास कार्यों के लिए धन जारी करना बंद करने के फैसले की हिंदू संगठनों और भाजपा ने निंदा की है. सरकार के फैसले के संबंध में राज्य के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग की तरफ से एक आदेश पारित किया गया है और सभी जिला आयुक्तों को जारी किया जा चुका है.


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जिला आयुक्तों को ये आदेश जारी
आदेश में कहा गया है कि अगर मंदिरों में जीर्णोद्धार का काम नहीं किया गया तो फंड जारी नहीं किया जाएगा. साथ ही अगर 50 फीसदी फंड जारी करने की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है तो उसे भी रोक दिया जाए. आदेश में कहा गया है कि अगर प्रशासनिक मंजूरी का कोई प्रस्ताव है तो उसे भी रोका जाना चाहिए.


बीजेपी विधायक ने की सरकार की निंदा
इसकी आलोचना करते हुए मुजराई और वक्फ के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक शाहीकला जोले ने कहा, 'मैं मंदिरों के लिए धन रोकने के सरकार के कदम की निंदा करता हूं. सरकार को मंदिरों को पूर्वाग्रहपूर्ण मानसिकता से नहीं देखना चाहिए. पिछली भाजपा सरकार के दौरान आवंटित धनराशि जारी करना सरकार और मंत्री का कर्तव्य है.'


उन्होंने कहा, 'सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए. राज्य में मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए और उनका विकास किया जाना चाहिए. यदि नहीं तो सरकार को तीव्र विरोध का सामना करना पड़ेगा.'


'धनराशि की दूसरी किस्त की जानी चाहिए जारी'
उन्‍होंने कहा, 'भारतीय संस्कृति में मंदिरों का बहुत महत्व है. हमारे (बीजेपी) कार्यकाल के दौरान मंदिरों और धार्मिक केंद्रों के नवीनीकरण के लिए धन जारी किया गया था. आदर्श आचार संहिता के कारण धनराशि की दूसरी किस्त जारी नहीं की गई. उन्हें जारी किया जाना चाहिए.' इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया है.


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