श्रीनगर: केंद्र सरकार ने सख्त शब्दों में आतंकवादियों को परोक्ष रूप से अंतिम चेतावनी दे दी है. दुनियाभर में भारत की अखंडता और संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के खिलाफ जो भी आवाज उठेगी उसका दमन कर दिया जाएगा. सामान्य कश्मीरी व्यक्ति की जिंदगी की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान चुन चुन कर दहशतगर्दी करने वाले आतंकवादियों का सफाया कर रहे हैं.


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 पुलवामा जिले के ट्त्राल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें जवानों ने बेहद बहादुरी और पराक्रम का परिचय देते हुए एक खूंखार आतंकवादी का खात्मा कर दिया. प्राप्त समाचार के मुताबिक पुलिस और सेना के जवान मिलकर अन्य आतंकवादियों को समाप्त करने में जुटे हैं.


त्राल में हुई आतंकवादियों से मुठभेड़


मंगलवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के जवानों में मुठभेड़ हो गई. इसमें एक आतंकवादी मारा गया है. पुलवामा जिले के त्राल के सैमोह में आतंकवादियों और बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें अब तक एक खूंखार और खतरनाक आतंकी मारा गया है. खबर लिखे जाने तक आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी जारी है.


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पिछले चार दिनों में मारे गए 13 आतंकवादी


उल्लेखनीय है कि पिछले करीब दो सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई में 13 आतंकवादी मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन पाकिस्तानी आतंकियों को सेना ने सोमवार को मार गिराया था. महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि 28 मई से शुरू हुए घुसपैठ रोकने के अभियान में अब तक चार दिनों के भीतर 13 आतंकवादी मार गिराए गए हैं. ये भारत के पराक्रमी जवानों के अद्भुत और अद्वितीय शौर्य का परिचायक है.


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आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना ने पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिश करते हुए कम से कम 10 आतंकियों को मार गिराया था. इससे पहले सेना ने अपने बयान में बताया कि सोमवार को नौशेरा सेक्टर में तीन आंतकवादी मारे गए.


पाकिस्तानी सेना ने किया सीजफायर का उल्लंघन


गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना  शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक सेना की चौकियों के साथ रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की थी. इससे आशंका है कि सुरक्षाबलों का ध्यान भटका कर नापाक पाकिस्तान अपने आतंकवादियों को कश्मीर में घुसपैठ करने में मदद करना चाहता था. कीरनी से बालाकोट तक सौ किलोमीटर से अधिक लंबी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने नापाक हरकतों को अंजाम दिया था. इससे मेंढर सेक्टर में एक ग्रामीण और आधा दर्जन जानवर घायल हो गए थे.