मांड्या (कर्नाटक): पर्यावरणविद् केम गौड़ा का सोमवार को कर्नाटक के मांड्या जिले में निधन हो गया. कलमाने केम गौड़ा के नाम से भी जाने जाने वाले 86 वर्षीय केम गौड़ा ने दसनाडिओड्डी गांव में अपने आवास पर अंतिम सांस ली. पीएम मोदी ने 28 जून, 2020 को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में इस क्षेत्र में 16 झीलों के निर्माण के प्रयासों के लिए गौड़ा की प्रशंसा की थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन थे केम गौड़ा
केम गौड़ा स्कूल नहीं गए. वह चरवाहे थे. भेड़ों के झुंड के प्रति उनके प्यार और जुड़ाव ने उन्हें प्रकृति के करीब ला दिया. पीएम मोदी द्वारा मन की बात में उल्लेख करने और उनकी उपलब्धि की सराहना करने के बाद, वह सुर्खियों में आए. एसोसिएटेड प्रेस ने उन पर एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया, जिसके माध्यम से उनके प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली.


तारीफ में क्या बोले थे पीएम 
पीएम मोदी ने कहा था कि केमगौड़ा, जिन्होंने अपने पैसे से पक्षियों और जानवरों की खातिर झीलें बनाई थीं, एक मॉडल हैं. कामेगौड़ा ने पानी के महत्व के बारे में जाना. उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ जल कयाक (जल संरक्षण) लिया था. उन्होंने भावना व्यक्त करते हुए कहा था कि वह अपने बच्चों के लिए एक घर, नौकरी और झीलों के विकास के लिए जमीन चाहते हैं.


सरकार ने की मदद
पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा के कार्यकाल के दौरान, सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान की थी. वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कामे गौड़ा के बीमार पड़ने पर ध्यान रखा था.


गौड़ा ने कहा था कि उन्हें कुंदूर पहाड़ी क्षेत्र में पीने का पानी नहीं मिल सका, जिसके कारण उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा. अजनबियों के घरों से पानी मांगते हुए उन्हें काफी दूर चलना पड़ता था. इससे उन्हें लगा कि पानी के अभाव में पक्षी और जानवर क्या कर रहे होंगे. फिर उन्होंने झीलों के निर्माण करने का फैसला लिया. लोग उन पर हंसे और उन्हें पागल कहा. सबकुछ नजरअंदाज करते हुए उन्होंने अपना काम जारी रखा. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कामे गौड़ा के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके प्रयासों की सराहना की.

ये भी पढ़िए- एलन मस्क की इस गलती से क्रैश होंगे विमान और लोग मरेंगे, खगोलविदों ने चेतावनी दी है

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.