Kerala Court News: केरल की एक अदालत ने कोल्लम जिला जेल को एक कैदी के बाल कटवाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया. दरअसल, कैदी ने जेल में लोगों के बाल काटे जाने के अनिवार्य नियम से बचने के लिए याचिका दायर की थी.


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रिपोर्ट के अनुसार, यौन उत्पीड़न के मामले में जेल में बंद आरोपी अपने बाल कटवाने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि वह एक तमिल फिल्म में भूमिका के लिए पहले से बाट बढ़ा रहा था.


तमिल फिल्मों में काम करने वाले 38 वर्षीय आरएस ज्योति को 13 दिन पहले न्यायिक हिरासत में लिया गया था. उस दौरान वह एक फिल्म में भूमिका के लिए अपने बाल बढ़ा रहे थे. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें कोल्लम रेलवे पुलिस ने एक महिला की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया, जिसमें उनपर ट्रेन यात्रा के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था.


न्यायिक हिरासत के दौरान कोल्लम जेल अधिकारियों ने कैदियों के लिए अनिवार्य प्रोटोकॉल के कारण उनसे बाल कटवाने को कहा. उन्होंने अपने बाल कटवाने से बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन जेल अधिकारी अड़े रहे.


बाद में, उन्होंने अपने बालों को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई का विकल्प चुनने के लिए अपनी पत्नी की मदद ली. उनकी पत्नी ने एक वकील को नियुक्त किया जिसने मामले में उसकी ओर से केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. आरोपी व्यक्ति का मामला अधिवक्ता वेणु जे पिल्लई, वैसाख वी नायर और एस श्रीजीत द्वारा प्रस्तुत किया गया था.


कोर्ट ने क्या कहा?
कैदी के बाल काटने के खिलाफ याचिका पर कोल्लम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केवी नैना ने सुनवाई की. याचिका पर सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट केवी नैना ने ज्योति के अनुरोध पर सहमति जताते हुए कोल्लम जेल अधिकारियों को कैदी के बाल न काटने का आदेश जारी किया.


आदेश सुनाते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी को अपना अभिनय का मौका नहीं गंवाना चाहिए और इसलिए उसे गर्दन तक लंबे बाल रखने की अनुमति दी जानी चाहिए. अभियोक्ता ने जेल मैनुअल का हवाला देते हुए कहा कि जेल में हर कैदी के लिए बाल कटवाना अनिवार्य है.


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