नई दिल्लीः Farmers Protest: किसान के दिल्ली कूच का आज तीसरा दिन है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों के लिए दिल्ली चलो मार्च पर निकले किसान अभी शंभू बॉर्डर पर डटे हैं. आज चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होगी. किसान नेताओं ने कहा कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास नहीं करेंगे. आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी.


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'मांगों का समाधान हो या प्रदर्शन की अनुमति दें'
वहीं पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, 'आज हमारी मंत्रियों के साथ बैठक है और हम चाहते हैं कि पीएम मोदी उनसे बातचीत करें ताकि हम अपनी मांगों के समाधान तक पहुंच सकें. दिल्ली में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. रास्ते खुद सरकार खोल दे.'


 



उन्होंने आगे कहा, '...हम आज पूरी तरह से सकारात्मक मूड में बैठक में शामिल होने जा रहे हैं और हमें पूरा भरोसा है कि कोई सकारात्मक समाधान निकलेगा.'


 



दो बैठकों में नहीं निकला था कोई नतीजा
इससे पहले बुधवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया था कि तीन केंद्रीय मंत्रियों का एक दल गुरुवार शाम को किसान नेताओं के साथ उनकी विभिन्न मांगों पर फिर से बैठक करेगा. इससे पहले आठ और 12 फरवरी को दो ऐसी ही बैठकें हुई थीं लेकिन उनमें कोई समाधान नहीं निकल पाया था. तीसरे दौर की चर्चा की पेशकश तब की गई है जब प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं पर दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए रुके हुए हैं. 


आंसू गैस के गोले छोड़ने की आलोचना की
वहीं बुधवार को पंधेर ने कहा था कि उन्हें मंगलवार रात बातचीत के लिए संदेश मिला. इसके बाद हमने बातचीत करने का मन बनाया. पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर किसानों पर लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने इसे किसानों को 'उकसाने' की कोशिश बताया और उन पर जानबूझकर बल प्रयोग करने का भी आरोप लगाया.


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