जानिए क्या है राष्ट्रीय आदि महोत्सव जिसका पीएम मोदी 16 फरवरी को करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की. प्रधानमंत्री इस अवसर पर जनजातीय समुदायों के कारीगरों और शिल्पकारों के साथ मुलाकात भी करेंगे.
ये है कार्यक्रम का उद्देश्य
अर्जुन मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री को उन उत्पादों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी जो विभिन्न स्टालों पर प्रदर्शित होंगे. जनजातीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में जनजातीय समुदायों की पूर्ण भागीदारी और सम्मिलन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि जनजातीय समुदायों द्वारा उत्पादों के जैविक उत्पादन पर बल देकर जलवायु पारिवर्तन की चुनौती से निपटने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि देश भर में आयोजित किए जा रहे आदि महोत्सवों में भाग लेने के लिए कम जानकारी वाले और अनूठी वस्तुओं का उत्पादन करने वाले दूरदराज के क्षेत्रों से अधिक से अधिक कारीगरों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया है.
बाजारों तक पहुंच के लिए प्रमुख मंच
अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि आदि महोत्सव जनजातीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है. उन्होंने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों में गुणवत्ता और समकालीन डिजाइन सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी मौलिकता को बनाए रखने के लिए शीर्ष डिजाइनरों के साथ काम कर रहा है.
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क्या है आदि महोत्सव
दरअसल आदि महोत्सव में 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से अधिक जनजातीय कारीगर और कलाकार भाग लेंगे. इसमें 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय रसोइये भी शामिल हैं, जिनके लिए 20 फूड स्टॉल लगाए जा रहे हैं. मोटा अनाज जनजातीय समुदायों के आहार का एक अभिन्न हिस्सा रहा है. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के प्रस्ताव पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष भी घोषित किया है.
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