RG Kar Hospital Sandeep Ghosh News: पश्चिम बंगाल के कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में जमानत दे दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सियालदह कोर्ट ने ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को इसलिए जमानत दे दी, क्योंकि सीबीआई 90 दिनों की अवधि के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं कर सकी.


संदीप घोष को तब गिरफ्तार किया गया था जब सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का एक बड़ा मामले मीडिया में आया. दरअसल 10 अगस्त को चेस्ट डिपार्टमेंट ऑडिटोरियम में एक ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई थी. 9-10 अगस्त की रात को एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय ने डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में जांच में देरी के लिए संदीप घोष भी जांच के घेरे में थे.


इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उनके कार्यकाल के दौरान अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया.


उच्च न्यायालय का यह आदेश संस्थान के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया है, जिन्होंने संस्थान में प्रिंसिपल के रूप में घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार के कई मामलों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने का अनुरोध किया था.


CBI की चार्जशीट को पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी नहीं मिली
इस महीने की शुरुआत में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि संदीप घोष ने अस्पताल के ठेके हासिल करने में दो कार्टेल की मदद की थी.


विशेष अदालत ने चार्जशीट को रिकॉर्ड में ले लिया, लेकिन अभी तक इस पर संज्ञान नहीं लिया है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने संदीप घोष और अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है.


ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद व्यापक विरोध के बीच संदीप घोष ने 12 अगस्त को सरकारी संस्थान के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था.


ये भी पढ़ें- Actor Allu Arjun: अल्लू अर्जुन के फैंस के लिए खुशखबरी, नहीं जाएंगे जेल, हाई कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.