Lakhimpur Kheri: भगवान ये दिन किसी को न दिखाए! राखी से ठीक पहले मासूम बहन का शव कंधे पर रखकर घर पहुंचे दो भाई
Brothers carried sister dead body on shoulders: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से शर्मसार और दुखद घटना सामने आई है. यहां पर घाघरा और शारदा नदी बारिश के बाद उफान पर आ गई और आसपास के इलाकों में भारी बाढ़ आने से सभी लोग प्रभावित हो गए. इसी बीच यहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसे देख हर कोई दंग रह गया.
नई दिल्ली,Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से शर्मसार और दुखद घटना सामने आई है. यहां पर घाघरा और शारदा नदी बारिश के बाद उफान पर आ गई और आसपास के इलाकों में भारी बाढ़ आने से सभी लोग प्रभावित हो गए. इसी बीच यहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसे देख हर कोई दंग रह गया. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दो भाई अपनी मृत बहन के शव को बारी-बारी अपने कंधे पर रखकर रोते-चिल्लाते हुए रेलवे ट्रैक को पार करते हुए आ रहे हैं. वीडियो देख हर किसी का कलेजा मानो फटने को तैयार है. राखी से पहले बहन के शव को इस तरह से अपने कंधों पर रखकर लाना भाइयों के लिए इससे ज्यादा दुःख की बात और कुछ नहीं हो सकती है. पढ़िए खबर विस्तार से...
ये है पूरा मामला...
बनबसा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते पलिया तहसील से एक दर्दनाक मामला सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक इलाके में बाढ़ का पानी भर जाने से चलते बेहतर इलाज न मिलने के कारण 15 साल की लड़की की मौत हो गई. बच्ची की मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. बाढ़ के कारण सड़क और रेल मार्ग दोनों ही बंद हो गए. इसके बाद गांव में बेहतर इलाज न मिलने से 15 साल की मासूम बच्ची ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. इसके बाद दोनों भाइयों ने अपनी मासूम बहन का शव बारी-बारी कंधे पर रखा और करीब 5 किलोमीटर दूर अपने गांव में लेकर गए.
यहां की है घटना...
अपनी बहन के शव को कंधे पर रखकर करीब 5 किलोमीटर दूर अपने घर ले जाने वाले भाई मनोज और सरोज ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि वो एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी के रहने वाले हैं. उनकी बहन शिवानी कक्षा 12वीं में थी. उन्होंने बताया कि ]हम तीनों भाई-बहन पलिया में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं. सरोज और मनोज ने बताया कि दो दिन पहले उनकी बहन की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्होंने अपनी बहन को डॉक्टर को दिखाया और उन्होंने जांच के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया था.
5 किलोमीटर तक कंधे पर ढोते रहे शव
अस्पताल में भर्ती करने के बाद बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी और भारी बरसात के चलते पलिया शहर में बाढ़ आ गई. इसक बीच बच्ची की तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ गई. वहीं बाढ़ केकारण रेल और सड़क मार्ग बंद हो गया. जिस वजह से बच्ची को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद मनोज और सरोज अपनी बहन के शव को नाव और कंधे पर रखकर बारी-बारी लेकर अपने गांव ले गए. वहीं पीड़ित परिवार की मदद के लिए ना ही कोई शख्स सामने आया और न ही प्रशासन ने कोई सुध ली.
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