Letter Bomb: बिना हस्ताक्षर, दूसरी E-Mail ID से आई परमबीर की चिट्ठी, जानिए CMO ने क्या कहा
CMO ने कहा- जिस ई-मेल में गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप हैं उसकी ई-मेल आईडी भी अलग है. यानी कि वह पूर्व सीपी की वह ई-मेल आईडी नहीं है जो सरकारी दस्तावेजों में उनकी ओर से दर्ज है.
मुंबईः एंटीलिया के सामने बम रखे होने के मामले की जांच SUV और सचिन वझे से होते हुए सीधे महाराष्ट्र के गृहमंत्रालय तक पहुंच गई है. शनिवार शाम मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह की चिट्ठी सामने आई और अब इसमें भी लगातार कई मोड़ आ रहे हैं. चिट्ठी सामने आने के बाद तो सीएम उद्धव के कार्यालय से सिर्फ खामोशी की खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन देर शाम CMO से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया.
परमबीर सिंह की ऑफिशियल आईडी से नहीं आया मेल
इस स्पष्टीकरण में दर्ज था कि परमबीर सिंह (पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर) के द्वारा जारी किया गया पत्र बिना किसी हस्ताक्षर के था, इसके साथ ही कथित तौर पर यह ई-मेल के जरिए प्राप्त हुआ था.
जिस ई-मेल में गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप हैं उसकी ई-मेल आईडी भी अलग है. यानी कि वह पूर्व सीपी की वह ई-मेल आईडी नहीं है जो सरकारी दस्तावेजों में उनकी ओर से दर्ज है.
CMO ने अपने बयान में यह कहा
जानकारी के मुताबिक, CMO की ओर से कहा गया कि मुख्य मंत्री सचिवालय को उनके ऑफिशियल ई-मेल आईडी पर शनिवार शाम 4:37 बजे मेल फॉर्मेट में एक लेटर मिला. इस लेटर को paramirs3@gmail.com ई-मेल आईडी से भेजा गया था. इसमें सिर्फ परमबीर सिंह का नाम लिखा हुआ था. साथ ही कोई हस्ताक्षर भी नहीं थे. विभाग इस मेल, चिट्ठी और भेजे गए कंटेंट की प्रामाणिकता की जांच कर रहा है.
बयान में यह भी कहा गया कि सरकारी रिकॉर्ड और दस्तावेजों के मुताबिक, परमबीर सिंह की personal e-mail ID के तौर पर parimbirs@hotmail.com दर्ज है. जबकि जिससे मेल आई है, वह किसी दस्तावेज में नहीं दर्ज है.
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मानहानि का केस करेंगे देशमुख
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा है कि वो भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह (Param Bir Singh) के खिलाफ मानहानि (defamation) का मुकदमा दायर करेंगे. NCP नेता देशमुख ने ट्वीट कर सिंह के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बार, रेस्टोरेंट्स और अन्य प्रतिष्ठानों (establishments) से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था.
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