किसानों का ब्लैक डे LIVE: संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की टिकैत से नाराजगी, प्रदर्शन में नहीं पहुंचे!
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का हंगामा, पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई है. आज किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हो गए हैं. ऐसे में किसान नेताओं ने आज के दिन को ब्लैक डे यानी काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. कई जगहों पर किसान काला दिवस मना रहे हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा है. आपको इस खबर से जुड़ी पल-पल का अपडेट जानने के लिए इस रिपोर्ट को पढ़िए.
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि अगर आंदोलन असफल हुआ तो सरकार मनमर्जी करेगी और अगर सफल रहा तो किसानों की आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अभी लंबा चलेगा. कोरोना काल में कानून बन सकते हैं तो समाप्त क्यों नहीं हो सकते.
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने काला दिवस मनाते हुए पुलता फूंका. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के छह महीने पूरे हो गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा के सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है कि टिकैत से नाराजगी के चलते दूसरे नेता नहीं पहुंचे हैं. कई किसान नेता 'ब्लैक डे' मनाने के पक्ष में नहीं थे. सूत्रों का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा के कई संगठन नाराज हैं. टिकैत की जिद से कई किसान नेता नाराज हैं.
हरियाणा में सपत्ति वसूली विधेयक 2021 पर मुहर लगी. आंदोलन के दौरान उपद्रव करने वालों से वसूली होगी.
टिकरी (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज 'काला दिवस' मनाया, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़ी तस्वीरें देखिए..
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से लेकर सिंघु बॉर्डर तक किसानों का जमावड़ा लगा. ना सोशल डिस्टेंसिंग है ना ही मास्क लगा है.
सिंघु बॉर्डर पर भी प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा लगने लगा है. बड़ी संख्या में लोग सिंघु बॉर्डर पर लोग जमा हुए हैं. बिना मास्क के ही किसानों का धरना प्रदर्शन हो रहा है.
गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने विरोध किया और 'काला दिवस' मनाया, कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन जारी है. नीचे देखिए विरोध की तस्वीरें...
राकेश टिकैत का दोहरा चरित्र एक बार फिर बेनकाब हो गया है. एक तरह तो उन्होंने कहा कि तीन काले कानून किसानों के खिलाफ है. महामारी में कानून आ सकता है तो वापस भी हो सकता है. जबतक कानून वापस नहीं होगा तब तक नहीं जाएंगे. कोरोना प्रोटोकॉल के साथ प्रदर्शन जारी रहेगा. जो किसान जहां हैं वहीं ब्लैक डे मनाएं. लेकिन जैसे ही गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ जुटने लगी और किसानों ने हंगामा करना शुरू किया तो हंगामे पर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर पुलिस रोकेगी तो हंगामा होगा.
ज़ी हिन्दुस्तान से खास बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों को फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है. MSP पर सरकार कानून बनाए, टिकैत ने कहा कि यूपी के किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं.
गाजीपुर बॉर्डर से जहां पर किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया है. ज़ी हिन्दुस्तान से राकेश टिकैत ने कहा है कि हां हंगामा होगा. दरअसल जब ज़ी हिन्दुस्तान ने जब राकेश टिकैत से पूछा कि भीड़ क्यों आई तो वो गुस्सा हो गए और भड़क गए. राकेश टिकैत ने धमकी दी कि जो करना है कर लो.
ब्लैक डे के नाम पर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का हंगामा तेज हो गया है. पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. टिकैत बोले- हंगामा करेंगे, जो करना हो करें.
इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है गाजीपुर बॉर्डर से आ रही है. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की भीड़ नहीं जुट गई है. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ब्लैक डे मना रहे हैं.
पंजाब के अमृतसर के छब्बा गांव में किसानों ने आज 'ब्लैक डे' के रूप में अपने घरों और ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा रखे हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस मौके पर प्रदर्शनकारी काले कपड़े, झंडे और पगड़ी पहनकर काला दिवस मना रहे हैं.
29 जनवरी को किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक होने पर हजारों किसान फिर से यूपी गेट पर जमा हो गए. गन्ना और गेहूं कटाई के चलते घरना स्थल से भीड़ घटती चली गई. फिर कोरोना संक्रमण का भी असर आंदोलन स्थल पर दिखा. तंबुओं का दायरा भी सिमट गया है.
इससे पहले भी दिसंबर और जनवरी में किसानों की भीड़ हजारों की संख्या में यूपी गेट पर जमी रही. इस बीच किसानों की सरकार के साथ कई दौर की बातचीत भी हुई, जो सारी नाकाम रहीं.
पिछले साल 26 नवंबर से किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. बीते 6 महीनों में किसान आंदोलन के कई रंग देखने को मिले. 26 जनवरी 2021 का दिन भारत में कभी नहीं भूलाया जा सकता. जब पूरी दिल्ली में हजारों ट्रैक्टर दौड़े थे.
किसान और आंदोलन को समर्थन कर रहे सभी जनसंगठन, ट्रेड यूनियन औरप ट्रांसपोर्टर्स के कार्यकर्ता भी अपने मकानों, दुकानों, ट्रकों और दूसरे वाहनों पर काले झंडे लगाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली से बाहर भी किसानों के ब्लैक डे का असर दिखने लगा. अमृतसर में लोगों ने घरों पर काले झंडे लगाए. गाड़ियों पर भी लोग काला झंडा लगाकर चल रहे हैं.
किसानों का ब्लैक डे दिल्ली की मुसीबत बढ़ा सकता है. गाजीपुर बॉर्डर से सिंघू बॉर्डर तक किसानों का जमघट लगने लगा. दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई.
किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हो गए. आज किसान दिन ब्लैड डे के रूप में मना रहे हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा है.