नई दिल्लीः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक 'दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए' की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है.


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बसपा मुखिया मायावती ने गुरुवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल, जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, बिहार में बैठक कर रहे हैं. ये 'दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए' की कहावत को चरितार्थ करता है.


मायावती ने उठाए ये सवाल
उन्होंने आगे लिखा, वैसे अगले चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए तैयारियों से पहले ये पार्टियां आम लोगों के बीच भरोसा बनाए, तो बेहतर होता. इन्हें अपने गिरेबान में झांककर नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेना चाहिए. 'मुंह में राम, बगल में छुरी' आखिर कब तक चलेगी? यावती ने कहा, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात हैं. इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता नहीं है.


यूपी में लोकसभा की 80 सीटें
उन्होंने कहा कि यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिंतित हैं. बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?


गौरतलब हो कि नीतीश कुमार की अगुआई में 23 जून को पटना में गैर-भाजपा 17 राजनीतिक दलों की बैठक होने जा रही है. जहां पर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर साझा रणनीति बनाने पर चर्चा होगी. इस बैठक का लक्ष्य है- किस तरीके से 2024 में भाजपा के विजय रथ को रोका जाए. पिछले दो माह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं.


इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के ही पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार के शामिल होने की संभावना है.


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