नई दिल्ली: लखनऊ में बने LuLu मॉल में नमाज को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, मॉल के भीतर पहले नमाज को लेकर बवाल हुआ और फिर जवाब में हनुमान चालीसा पढ़ी गई. यह विवाद अब बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर गिरफ्तारियां भी जारी हैं. उत्तर प्रदेश में एक बड़ी कंपनी के निवेश पर यह विवाद सही संकेत नहीं दे रहा है. इस मॉल का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. यह मॉल  LuLu Group International ने बनाया है जिसके मालिक भारतवंशी यूसुफ अली हैं. मूल रूप से केरल निवासी यूसुफ अली यूएई में रहते हैं और दुनियाभर में उनके ग्रुप की शॉपिंग मॉल की चेन है. 


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कंपनी ने साफ किया- यह मॉल है, धार्मिक स्थल नहीं
लखनऊ में चल रहे विवाद के बीच कंपनी ने साफ कर दिया है कि यह मॉल पूर्ण रूप से व्यावसायिक जगह है. मॉल प्रशासन ने उन लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है जिन्होंने परिसर के भीतर नमाज पढ़ी. मॉल प्रशासन ने एक स्टेटमेंट के जरिए साफ कहा है कि 'स्वार्थी कारणों' से मॉल की छवि को धूमिल न करें और उन्हें उपभोक्ताओं की सेवा करने दें. 


माहौल खराब करने वालों के नाम आए सामने
नमाज अदा कर माहौल खराब करने वाले 4 लड़कों का नाम और पता भी सामने आ गया है. ये लोग राजधानी के इंदिरानगर थाने के खुर्रम नगर में रहते हैं. इनका नाम मोहम्मद रेहान, आतिफ खान, मोहम्मद लुकमान और मोहम्मद नोमान है. 


बड़े ईसाई धर्मगुरु यूसुफ अली को दे चुके हैं 'कमांडर' का खिताब
खैर, भले ही इस मॉल में इस वक्त धार्मिक प्रार्थनाओं को लेकर विवाद चल रहा हो लेकर खुद यूसुफ अली को दुनिया के बड़े ईसाई धर्मगुरु ने 'कमांडर' खिताब देकर सम्मानित किया था. बता दें कि अपने लंबे व्यावसायिक करियर के दौरान यूसुफ अली को कई बड़े सम्मान मिले हैं. साल 2008 में देश की मनमोहन सरकार ने यूसुफ अली को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. 


साल 2004 में मिला था खिताब
हम जिस खिताब की बात कर रहे हैं वह यूसुफ अली को साल 2004 में मिला था. तब उन्हें यूनिवर्सल सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के सुप्रीम हेड इग्नेटियस ज़क्का 1 ने 'कमांडर' खिताब देकर सम्मानित किया था. 


2016 में भी क्रिस्चियन कॉलेज से मिला पुरस्कार
इसके बाद साल 2016 में भी केरल Mar Ivanios कॉलेज से जुड़ा आर्कबिशप मैर ग्रेगोरिस अवार्ड भी यूसुफ अली को दिया गया था. यह पुरस्कार औद्योगिक क्षेत्र में यूसुफ अली के योगदान को देखते हुए दिया गया था. 


व्यावसायिक प्रतिष्ठान में विवाद से अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान
भले ही LuLu मॉल में शुरू हुए विवाद में धर्म की चासनी चढ़ी हुई लेकिन ग्रुप की तरफ से लगातार इस पर सफाई दी जा रही है. प्रबंधन को यह तक बताना पड़ा है कि उसके यहां 80 प्रतिशत कर्मचारी मुस्लिम नहीं हैं. इस विवाद की सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि अगर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में धार्मिक विवाद होंगे तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा.


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