महाराष्ट्र में क्यों छिड़ गई बाप के नाम पर लड़ाई, जानिए क्या है पूरा माजरा
महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई बाप पर आ गई है. उद्धव कैंप की तरफ से बयान दिए जा रहे हैं कि अपने-अपने बाप के नाम पर चुनाव लड़ो. वहीं बीजेपी कह रही है कि क्या बाला साहेब ठाकरे पर किसी का कॉपी राइट है क्या? लेकिन शिंदे गुट की बगावत के बाद अब लड़ाई की दिशा लगातार बदल रही है. क्या है बाप वाली लड़ाई? इस रिपोर्ट में समझिए..
नई दिल्ली: शिवसेना अब सड़क पर उतर गई है, आक्रमक हो रही है, अब अपने पुराने रंग में आ रही है, जमकर बयानबाजियां हो रही हैं, तरकश से शब्दों के बाण निकल रहे हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. शिवसेना के विधायक एक-एक कर उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ रहे हैं, शिवसेना का एक और विकेट गिर गया है.
शिवसेना में एक और टूट
शिवसेना विधायक उदय सामंत भी शिंदे गुट से मिल गए हैं. उदय सामंत पहले सूरत और फिर वहां से गुवाहाटी होटल पहुंच गए हैं. उद्धव के लिए ये बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि उदय सामंत महाराष्ट्र सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी हैं. इसके साथ उद्धव के पास 55 में सिर्फ 15 विधायकों का समर्थन रह गया है.
इस बीच बिखरती शिवसेना को एकजुट करने की लड़ाई बाप पर आ गई है. उद्धव ठाकरे और संजय राउत कह रहे हैं, 'बाला साहेब का नाम तो सिर्फ शिवसेना ही करेगी. शिवसेना का एक बाप है. बागियों विधायकों के कई माई-बाप हैं.'
क्या है बाप वाली सियासत?
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि 'नाम लेने की नौबत यहां से शुरू करके, शिवसेना में ये सब नहीं चलेगा.' लेकिन बीजेपी कह रही है. बाला साहेब हिंदुत्व का आइकन हैं. बाला साहेब के नाम पर उद्धव ठाकरे का पेटेंट नहीं है. बीजेपी ने पूछा क्या संजय राउत अपने पिता के नाम पर चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि 'क्यों सिर्फ उद्धव ही बाप का नाम इस्तेमाल करेंगे. बालासाहब का हिंदुत्व को लेकर देश में नाम है उनके नाम पर किसी का एकाधिकार नहीं है. क्या संजय राउत अपने बाप के नाम पर चुनाव लड़ेंगे? बालासाहब हिंदुत्व के आइकॉन थे. ऐसी धमकियों से लोकतंत्र नहीं चलता है, धमका के नहीं रोक सकते. धोखेबाज को देश कभी नहीं भूलता, ये हमारे देश की संस्कृति है.'
शिवसेना के नेताओं ने रविवार को जगह-जगह कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने मोटिवेट किया खुद आदित्य ठाकरे ने भी अब मोर्चा संभाल लिया है.
आदित्य ठाकरे का भाजपा पर हमला
आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'जो बंदखोर विधायक हैं उन्हें महाराष्ट्र छोड़ेगा नहीं. उनको मुख्यमंत्री ने बहुत मान समान मिलता था. उनके बड़े portfolio दिए गए थे. मैंने खुद को कभी बेचा नहीं हैं ना ही बेचूंगा. कुछ भी हो जाए तो शिव सेना की सटा रहेगी.'
आदित्य ठाकरे ने कहा कि जिन विधायकों ने बगावत की है उन्हें पार्टी में दोबारा वापस नहीं लिया जाएगा. आदित्य ठाकरे ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा पर भी निशाना साधा कहा. पूरे राज्य में बाढ़ आई हुई है और बीजेपी होटल के अंदर विधायकों पर लाखों रुपए खर्च कर रही है.
ऐसी खबर है कि शिवसेना गुवाहाटी जाने की तैयारी कर रही है. शिवसेना ने गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में 20 कमरों की मांग की है. संजय राउत ने कहा कि 'मेरी आवाज गुवाहाटी तक भी पहुंच रही है. हमें भी गुवाहाटी जाकर आना चाहिए. शाहजी पाटिल कहते हैं वहां माहौल काफी अच्छा है, तो क्या महाराष्ट्र में शमशान है? रेडिशन ब्यू में 380 रूम है, 80 इन लोगों ने बुक किया है, हमें 20 रूम देंगे क्या?'
होटल के सामने दिखे सीएम
इस बीच गुवाहाटी में रविवार को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा रेडिसन ब्लू होटल के सामने दिखाई दिए. उनका काफिला अचानक होटल के सामने रुका. हिमंत बिस्वा न तो होटल में गए और न ही मीडिया से बात की. हिमंत बिस्वा शर्मा ने दावा किया कि शिवसेना के सभी बागी विधायक अपने खर्चे पर होटल में रुके हुए हैं.
महाराष्ट्र का महासंग्राम अभी जारी रहेगा. महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी अस्पताल से राजभवन पहुंच चुके हैं. उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन उन्हें दो दिन आराम करने की सलाह दी गई है. यानि आने वाले दो दिनों में वो किसी से मिलेंगे ये संभावना कम ही है.
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