नई दिल्ली. माहाराष्ट्र में जारी सियासी उथल पुथल के बीच गुवाहाटी में मौजूद बागी शिवसेना के विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया. गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना के विधायकों ने देर रात तक मीटिंग की जिसमें एकनाथ शिंदे को नेता चुना गया. 


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डिप्टी स्पीकर को भेजा पत्र


असम के गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे. 


इससे पहले दिन में नरहरि जिरवाल ने कहा था कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किये जाने को मंजूरी दे दी है. 


37 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र


शिंदे ने बृहस्पतिवार शाम को विधानसभा उपाध्यक्ष को शिवसेना के 37 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा. शिवसेना के ये सभी बागी विधायक शिंदे के साथ गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. पत्र में यह भी सूचित किया गया कि सुनील प्रभु के स्थान पर शिवसेना विधायक भरत गोगावले को विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है.


इस बीच, शिंदे ने प्रभु द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के लिए अपने गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी पलटवार करते हुए दावा किया कि व्हिप केवल विधायी कार्यों के लिए लागू होता है


शिंदे ने किया ट्वीट


शिंदे ने ट्वीट किया, आप किसे धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपकी चालबाजियों को जानते हैं और कानून को भी समझते हैं. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू होता है न कि किसी बैठक के लिए.


उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके बजाय आपके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं क्योंकि आपके पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन फिर भी आपने 12 विधायकों का एक समूह बनाया है. हमें इस तरह की धमकियों से फर्क नहीं पड़ता.’’


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