नई दिल्ली: विपक्ष अपने सियासी फायदे के लिए नागरिकता कानून के मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है. क्योंकि कोलकाता में ममता बनर्जी ने इस कानून को लेकर फिर वोटबैंक वाली राजनीति की और कहा कि जब तो वो जिंदा हैं NRC को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी.


नागरिकता कानून पर विपक्ष की बांटने वाली सियासत?


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वहीं नागिरकता कानून के समर्थन में भी देश के अलग अलग हिस्सों में कई मार्च निकाले गए. ममता बनर्जी कोलकाता में रोजाना मार्च कर रही हैं, उस NRC के विरोध में जो आया नहीं है. उस NRC के विरोध में जिसकी कोई रूपरेखा सरकार ने तैयार नहीं किया है. लेकिन ममता बनर्जी अब जानबूझ कर राजनीतिक बयानबाजी कर बंगाल में चुनाव से पहले सियासत कर रही हैं.


क्या आप जानते हैं कि ममता बनर्जी की इसी बयानबाजी से पाकिस्तान बहुत खुश है, नागरिकता कानून को लेकर पाकिस्तान प्रोपेगेंडा फैला रहा है. पाक में जो उसमें कैसे ममता के नाम का जिक्र हो रहा है. शाह महमूद कुरैशी ने ममता की राजनीति को खूब भुना रहे हैं.


NRC पर अफवाह से 'उबाल' बनाए रखने की साजिश?


ऐसा नहीं है कि नागरिकता कानून को लेकर सिर्फ विरोध प्रदर्शन ही हो रहे हैं, देश की सड़कों पर अब कानून का समर्थन करने वाले भी उतर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं. गुजरात के सूरत में बड़ी संख्या में लोग नागरिकता कानून के समर्थन में सड़कों पर उतरें.


राजधानी में प्रदर्शनों के चलते लोग परेशान


देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर हो रहे रोजाना प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली वाले जाम से परेशान हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस रस्सी बांधकर और इस तरह एक ह्यूमन चेन बनाकर प्रदर्शनकारियों के साथ चली जिससे विरोध भी जताया जा सके और ट्रैफिक भी ना रोकना पड़े.


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प्रधानमंत्री मोदी जब साफ साफ कह चुके हैं कि सरकार NRC को लेकर अभी चर्चा तक नहीं हुई है तो फिर ये विरोध प्रदर्शन भी अब बंद हो जाने चाहिए. लेकिन राजनीति करने के लिए ममता बनर्जी कुछ भी कहने और करने पर उतारू हैं.


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