नई दिल्ली: उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में काम करने के दौरान हुए हादसे में 41 मजदूरों की जान मलबे में फंसी हुई है. सभी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पिछले 14 दिनों से जद्दोजहद चल रही है. शुक्रवार रात ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में मौजूद गार्डर ने रेस्क्यू ऑपरेशन का रास्ता रोक दिया. ड्रिलिंग करते वक्त टनल में मौजूद गार्डर में ऑगर फंस गया. इसको निकलाने के लिए जब रेस्क्यू टीम ने ज्यादा फ़ोर्स लगाई, तो ऑगर की सॉफ्ट टूट गई है. इसके बाद काम रोक दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

होगी मैनुअल ड्रिलिंग
अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग (Manual drilling) यानी हाथ से खुदाई की जा सकती है. रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि गार्डर में ऑगर का सॉफ्ट फंस गया था, जिस कारण ऑगर का सॉफ्ट टूट गया था. इस वजह से काम रोक दिया गया है. बाधाओं के कारण बचावकर्ता हाथ से ड्रिलिंग करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. 


रोक दी गई ड्रिलिंग...
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ड्रिलिंग शुक्रवार रात को ही रोकनी पड़ी. बता दें कि अभी करीब 10 से 12 मीटर की खुदाई बाकी है. मिली जानकारी के मुताबिक ड्रिलिंग के दौरन सरिया और पत्थर मजदूरों तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं. टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए 6-6 मीटर के 2 पाइप और डाले जाएंगे. ऑगर मशीन शुक्रवार को ड्रिलिंग बहाल होने के कुछ देर बाद लोहे के गार्डर की वजह से बाधित हो गई. ऑगर मशीन में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बचाव कार्य को रोकना पड़ा. लगातार आ रही दिक्कतों के कारण ऑगर मशीन से ड्रिलिंग और मलबे के बीच पाइप डालने का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. 


जल्द शुरू होगी वर्टिकल ड्रिलिंग...
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का खोज बचाओ अभियान तेजी सेचल रहा है. मलबे में बनाई गई एस्केप टनल में ड्रिलिंग के दौरान शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन के कुछ पुर्जे खराब हो गए. इस कारन ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया. अब मजदूरों को बहार निकालने के लिए दूसरा प्लान तैयार किया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद में लगे अधिकारीयों ने बताया कि अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज ही वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए सभी तैयारी पूरी कर की गई हुई. बात दें कि बीआरओ वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक सड़क बना चुका है.