Earthquake in Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में फिर भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता
दिल्ली एनसीआर में करीब 45 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस होते रहे. वहीं लखनऊ में भूकंप आने की भी सूचना है. बता दें कि दो दिन पहले शुक्रवार रात भी दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महूसस हुए थे.
नई दिल्लीः सोमवार को एक बार फिर भूकंप के तेज झटके दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए. 45 सेकंड तक इन झटकों को महसूस किए गए. दो दिन पहले भी रात 11.30 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. जिसका केंद्र नेपाल था. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई. जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था.
क्यों आता है भूकंप
जानकारों की मानें तो धरती टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है. जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है.
क्या होता है भूकंप का केंद्र?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है.इस स्थान पर भूकंप का असर सबसे ज्यादा होता है और सबसे तेज कंपन होता है.कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है. लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.
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