नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने नए घर को 'अनोखा' नाम दिया है. शिवराज सिंह के नए आवास का नाम 'मामा का घर' रखा गया है. करीब 17 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले शिवराज सिंह चौहान अपने समर्थकों के बीच 'मामा' के नाम से लोकप्रिय हैं. मध्य प्रदेश की राजनीति महिलाओं और लड़कियों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने 'भाई और मामा' के रिश्ते के जरिए जबरदस्त मजबूती पाई. 


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यह भी कहा जाता है कि उनके इतने लंबे समय तक सीएम पद पर बने रहने के पीछे महिला वोटरों का बड़ा योगदान रहा है. सीएम पद से हटने के बाद खुद शिवराज भी कह चुके हैं कि भले ही वो पद पर नहीं है लेकिन बहनों और भांजियों के साथ 'भाई-मामा' का रिश्ता पूरी जिंदगी चलता रहेगा.


मंगलवार को भी दिखी 'मामा' की एक बानगी
इस रिश्ते की एक बानगी एक दिन पहले को भी देखने को मिली. चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज चौहान मंगलवार शाम अपनी बुधनी विधानसभा सीट के अंतर्गत शाहगंज शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने फिर कहा कि वह लोगों खासकर अपनी बहनों के बीच बने रहेंगे. इस पर कुछ महिलाओं ने कहा-भैया हमें अकेला छोड़कर कहीं मत जाओ. चौहान ने जवाब दिया-मैं कहीं नहीं जाऊंगा. मैं यहीं जिऊंगा और यहीं मरूंगा.



चालू रहेंगी शिवराज सरकार की योजनाएं
बता दें कि राज्य में नए मुख्यमंत्री मोहन यादव बनाए गए हैं. सीएम बनाए जाने के बाद मोहन यादव भी कह चुके हैं कि पिछली सरकार के दौरान शुरू हुई कोई भी  योजना बंद नहीं की जाएगी. मोहन यादव ने कहा- राज्य में चल रही सभी जन कल्याण और विकास योजनाएं और कार्यक्रम जारी रहेंगे. कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी.


लाडली बहना योजना का जीत में बड़ा योगदान
बता दें कि शिवराज सिंह सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहना योजना का राज्य में मिली चुनावी जीत में बड़ा योगदान माना गया है. यह योजना राज्य में विधानसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले ही शुरू की गई थी. 


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