नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में सोमवार को बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के साथ हो गया. दोनों पार्टियों का गठबंधन राज्य की कुल 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. राज्य के चुनाव में भी मायावती की घोषणा कायम रहेगी और वो न तो एनडीए गठबंधन के साथ और न ही इंडिया गठबंधन के साथ हाथ मिलाएंगी.


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राज्य में नए गठबंधन को लेकर प्रदेश बीएसपी अध्यक्ष हेमंत पोयाम का कहना है कि समझौते के तहत 53 सीटों पर बीएसपी और 37 सीटों पर GGP अपने प्रत्याशी उतारेगी. बीएसपी के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और  GGP के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम समेत दोनों दलों के अन्य नेताओं ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा की.


दोनों दलों ने जताया जीत का भरोसा
दोनों दलों ने गठबंधन की जीत का भरोसा जताया और कहा कि इस बार बीजेपी और कांग्रेस को राज्य से बाहर कर देंगे. बता दें कि बीएसपी राज्य में 9 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने राज्य में छत्तीसगढ़-जे और भाकपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली थी. उसे कुल 3.87 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. उसकी सहयोगी छत्तीसगढ़-जे को 5 सीटों कामयाबी मिली थी. 


पॉलिटिक एक्सपर्ट्स की राय- कांग्रेस के वोटबैंक में लगेगी सेंध
वहीं अगर जीजीपी की बात करें तो उसे पिछले चुनाव में 1.73 फीसदी वोट मिले थे. छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाके में निवास करने वाली अनुसूचित जाति बहुल इलाके में बीएसपी का काफी प्रभाव है. वहीं, जीजीपी को बिलासपुर और सरगुजा क्षेत्र के कुछ आदिवासी बहुल हिस्सों समर्थन में मिला था. पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीएसपी और जीजीपी का गठबंधन सत्ताधारी दल कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.


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