नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी है. उन्होंने कहा है कि बसपा आने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी.  एनडीए (NDA) व इण्डिया (India ) गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं. साथ ही उन्होंने इमरान मसूद को पार्टी से बाहर करने की वजह भी बताई है. 


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मायावती का कहना है कि इन नीतियों के विरुद्ध बीएसपी संघर्षरत है और इसीलिए इन पार्टियों से गठबंधन करके कोई भी चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़.


याद किया 2007 का चुनाव
मायावती ने कहा, बीएसपी, विरोधियों के जुगाड़/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को जोड़कर उनके गठबंधन से आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी. बसपा 2007 की तरह ही चुनाव लड़ेगी. मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए.



कहा-अंगूर खट्टे हैं
उन्होंने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए सभी आतुर, लेकिन ऐसा न करने पर विपक्ष की ओर से खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाए जाते हैं.यह तो वही बात हुई कि इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. मायवती के मुताबिक यह घोर अनुचित है.जैसे अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत. 

मायावती ने अपने ट्वीट में सहारनपुर के पूर्व विधायक के बीएसपी से निकाले जाने का कारण भी बताया है. उन्होंने कहा, वह कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि  उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?

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