नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग-21 गुरुवार की रात क्रैश हो गया. इंडियन एयर फोर्स के लड़ाकू विमान के क्रैश होने के बाद इसके मलबे में आग भी लग गई. यह दुर्घटना गुरुवार की रात राजस्थान के बाड़मेर में हुई है. हादसे की वजहों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश भी दे दिया गया है. 


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62 साल में करीब 200 हादसे


मिग-21 विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल हुए थे. 62 साल से वायुसेना में सेवा दे रहा ये फाइटर जेट सबसे पुराना विमान है, जिसे 62 साल हो चुके हैं. एक जानकारी के अनुसार इन विमान से अब तक करीब 200 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.


इसी वर्ष मार्च के महीने में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट ने एक जरूरी जानकारी भी साझा की थी. उन्होंने बताया था कि बीते 5 वर्षों में विमान और हेलिकॉप्टरों के हादसों में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हो चुकी है. मजह 5 सालों में कुल 45 हादसे हो चुके हैं.


मिग-21 विमान का एक जमाना था..!


वो कहते हैं न कि किसी का वक्त आता है और किसी का जमाना होता है. मिग-21 ऐसा जबरदस्त विमान है, जिसका एक जमाना हुआ करता था. तभी शायद ये भारतीय वायुसेना के बेड़े का सबसे पुराना लड़ाकू विमान है. इन विमानों को इंडियन एयरफोर्स की बैकबोन मानी जाती थी. 26 फरवरी 2019 को हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद इसी लड़ाकू विमान ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए थे. अगर अब की बात करें, तो मिग-21 बाइसन विमान अब न तो जंग के लिए फिट है और न ही उड़ान के लिए.. बीती रात हुई दुर्घटना इस बात को बयां करता है.


फिर लड़ाकू विमान मिग-21 ने दिया धोखा


भारतीय वायुसेना के दो वायुवीरों की मिग-21 फाइटर जेट में ही चिता बन गई. गुरुवार की रात मिग-21 राजस्थान के बाड़मेर में क्रैश हो गया. इस हादसे में दो पायलट शहीद हो गए. विमान का मलबा करीब आधे किलोमीटर के दायरे में फैल गया. जमीन पर गिरते ही विमान में आग लग गई. जहां विमान गिरा वहां कई फीट गहरा गड्ढा हो गया.



एयरफोर्स  के मुताबिक गुरुवार शाम को उत्तरलाई एयरबेस से ट्विन सीटर मिग-21 ने उड़ान भरी. विमान ने ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी. रात करीब 9 बजकर 10 मिनट पर विमान क्रैश हो गया. दोनों पायलट की मौके पर ही मौत हो गई. बता दें कि, राजस्थान में बीते 8 सालों में 7 लड़ाकू विमान क्रैश हो चुके हैं.  


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख


हादसे की जानकारी मिलते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी से फोन पर बात की. राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया.


राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 ट्रेनर विमान के दुर्घटना में दो वायु योद्धाओं के खोने से गहरा दुख हुआ. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.


दे दिए गए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश


कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन इस हादसे के बाद एक बार फिर मिग-21 की विश्वसनीयता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. मिग-21 के क्रैश होने के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. बाड़मेर में ही पिछले साल ट्रेनिंग के दौरान भी मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. तब पायलट सुरक्षित बच गए थे.


1964 से इस विमान का इस्तेमाल कर रही भारतीय वायुसेना में इसके क्रैश रिकॉर्ड को देखते हुए इसे फ्लाइंग कॉफिन यानि उड़ता ताबूत कहा जाता है. रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल अबतक कर रहा है.


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