नई दिल्ली:mission Gaganyaan: भारत अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने जा रहा है. मिशन गगनयान की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. इसके तहत अगले साल भारत 1 या 2 लोगों को अंतरिक्ष में भेजेगा. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने यह बड़ी जानकारी दी है. मिशन गगनयान के 2 ट्रायल किए जाएंगे. जो कि 2022 के अंत तक पूरे कर लिए जाएंगे. 


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मिशन की पूरी जानकारी दी
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पहले ट्रायल में मानव रहित विमान भेजा जाएगा. इसके बाद दूसरे ट्रायल में रोबोट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इस रोबोट को इसरो ने डेवलप किया है. तीसरे चरण में दो लोगों को स्पेस फ्लाइट में भेजा जाएगा. 


कब क्या होगा
पहला टेस्ट साल 2022 के मध्य में होगा
पहले चरण में गगनयान का मानव रहित मिशन G1 होगा.
2022 के अंत में व्योममित्र नाम का रोबोट भेजा जाएगा. 
चालकदल के साथ पहली बार गगनयान मिशन 2023 में लॉन्च होगा. 


पीएम मोदी का सपना
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 2018 में कहा था कि भारत साल 2022 तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री गगनयान में सवार हो सकेगा. 


ट्रेनिंग और कई टेस्ट पूरे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी हाल ही में आंध्र प्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में ह्यूमन रेटेड सॉलिड रॉकेट बूस्टर (HS200) का सफल परीक्षण किया था. गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलटों ने रूस में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इन्हें रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण दिया गया था. इसमें 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और यात्री सात दिन स्पेस में गुजारेंगे. 

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