बेटे को उपमुख्यमंत्री बनाने जा रहे सीएम साहब! दादा भी राज्य में चला चुके हैं सरकार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को राज्य का डिप्टी सीएम बना सकते हैं. वह 22 अगस्त से पहले इस बारे में ऐलान कर सकते हैं. राज्य में दो साल बाद होने वाले चुनाव से पहले इस अहम कदम माना जा रहा है. जानें इसके मायने क्या हैंः
नई दिल्लीः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बना सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि डीएमके सरकार में युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम का पद जल्द ही सौंपा जा सकता है. उदयनिधि के दादा एम करुणानिधि भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनकी अगस्त 2018 में मौत हो गई थी.
'बड़ी स्वीकार्यता' दिलाने की कोशिश
इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने डीएमके सरकार के सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा कि 22 अगस्त से पहले उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम पद दिया जा सकता है क्योंकि सीएम अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं. यह निर्णय उनकी यात्रा से पहले किया जा सकता है. माना जाता है कि उदयनिधि ने सरकार के भीतर 'बड़ी स्वीकार्यता' पाने और अपने पिता पर बोझ हल्का करने के लिए प्रमोशन पर जोर दिया है.
सीएम पर काम का बोझ कम करने का प्रयास
एक वरिष्ठ मंत्री ने मीडिया आउटलेट से कहा कि उदयनिधि को अहम जिम्मेदारी देने से उन्हें 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले तैयार करने में सहायता मिलेगी. साथ ही मुख्यमंत्री पर काम का बोझ कम होगा. सुचारु शासन प्रदान करने में भी सहायता होगी.
एक वरिष्ठ मंत्री ने उदयनिधि की राजनीतिक प्रतिबद्धता को लेकर संदेह को खारिज करते हुए कहा कि यह पद उदयनिधि पर थोपा नहीं गया है बल्कि युवा कल्याण एवं खेल मंत्री ने खुद इसके लिए अनुरोध किया है.
'राजनीति के प्रति अनिच्छुक नहीं है उदयनिधि'
उन्होंने कहा कि अगर वह (उदयनिधि) राजनीति के प्रति उदासीन होते तो वह किसी भी बड़ पद की मांग नहीं करते. वह युवा हैं और लोकप्रिय हैं इसलिए उनको लेकर अफवाहें चलती रहती हैं. समझा जा रहा है कि डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी से वह और परिपक्व होंगे और 2026 के विधानसभा चुनाव के अभियान में प्रमुख भूमिका में नजर आएंगे.
वहीं उदयनिधि विवादों में भी आ चुके हैं. पिछले साल उन्होंने सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए.
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