नई सरकार बनते ही भ्रष्टाचार मामले से बरी हुए मोहम्मद यूनुस, हसीना सरकार में दर्ज हुए थे दर्जनों केस
शेख हसीना के शासनकाल के दौरान यूनुस पर दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे. जनवरी में एक अदालत ने श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में यूनुस को छह महीने जेल की सजा सुनाई थी.
ढाका. पड़ोसी देश बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस को भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में रविवार को बरी कर दिया गया. महज तीन पहले ही यूनुस ने पदभार ग्रहण किया है. ढाका के विशेष न्यायाधीश न्यायालय-4 के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 494 के तहत मामले में अभियोजन वापस लेने की मांग की गई थी.
इससे पहले 7 अगस्त को ढाका की एक अदालत ने श्रम कानून उल्लंघन के एक मामले में यूनुस और ग्रामीण टेलीकॉम के तीन शीर्ष अधिकारियों अशरफुल हसन, एम शाहजहां और नूरजहां बेगम को बरी कर दिया था. शेख हसीना के शासनकाल के दौरान यूनुस पर दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे. जनवरी में एक अदालत ने श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में यूनुस को छह महीने जेल की सजा सुनाई थी.
बीजेपी की नजर हिंदुओं की स्थिति पर
इस बीच बांग्लादेश में हिंदुओं की वर्तमान स्थिति पर बीजेपी विधायक पंकज सिंह ने रविवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी उन सभी लोगों के साथ है. सारी गतिविधियों पर सरकार की नजर है. सरकार उचित कदम उठाएगी. वहां (बांग्लादेश में) अराजकता जैसी स्थिति है, ऐसा नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिस तरह वहां भद्दा प्रदर्शन हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख रही है. लेकिन, भारत का विपक्ष इस मुद्दे पर शांत है. हम जब नागरिकता देने की बात करते हैं तो यही विपक्ष विरोध भी करता है. सभी विपक्षी दलों का चेहरा सामने आ रहा है. बांग्लादेश में जो भी हो रहा है, वो अच्छा नहीं है.
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