नई दिल्ली. गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर बने पुल पर रविवार को बड़ी दुर्घटना हुई. इस दुर्घटना में अब तक 90 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मरने वालों में 50 से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. जिले में सैलानियों का बड़ा केंद्र यह केबल ब्रिज लगभग एक सदी पुराना है. पुराना होने की वजह से इस पुल में लगभग सात महीने से मरम्मत का काम चल रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब दो करोड़ की लागत से इसकी मरम्मत की गई है और महज पांच दिन पहले ही इसे दोबारा खोला गया है. 


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230 मीटर लंबा यह पुल ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था. घटना के बाद तुरंत ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन टीम मोरबी जिले में भेजी गईं. एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल के मुताबिक राज्य की राजधानी गांधीनगर और वडोदरा से तीन टीम भेजी गई है.


उन्होंने कहा कि एक और टीम को कुछ समय में हवाई मार्ग से भेजा जाएगा और वह राजकोट से दुर्घटना स्थल तक सड़क मार्ग से पहुंचेगी. करवाल ने कहा कि टीम में वरिष्ठ अधिकारी और बचावकर्मी शामिल हैं तथा वे अपने साथ जरूरी उपकरण ले जा रहे हैं. 


पीएम मोदी ने किया ट्वीट
अपने गृह राज्य में हुई दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है- मोरबी में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं. इस संबंध में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की. राहत और बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है और प्रभावितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है.


2 लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा
PMO ने पुल गिरने की घटना में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में दुर्घटना में जान गंवाने वालों में से प्रत्येक के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से ​​दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.


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