नई दिल्लीः देश में 2017-18 से 2020-21 के बीच चार एशियाई शेरों और 73 हाथियों सहित 63,000 से अधिक जानवरों की रेलवे पटरियों पर मौत हो गई है जिसकी जानकारी देते हुए कैग ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के साथ-साथ रेलवे द्वारा इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर चिंता जताई.


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रेलवे को लेकर दिया गया ये बयान
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पिछले महीने संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट ‘परफॉर्मेंस ऑडिट ऑन डिरेलमेंट इन इंडियन रेलवे’ में कहा है कि रेलवे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जानवरों की मौत को रोकने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय द्वारा जारी “संयुक्त सलाह” का सावधानी से पालन किया जाना चाहिए. यह सलाह रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने में भी मदद करेगा. 


कैग ने अपनी रिपोर्ट में और क्या कहा
कैग ने इन तीन वर्षों में पाया कि 73 हाथियों और चार शेरों सहित 63,345 जानवर ट्रेन की चपेट में आने से मर गए थे. कैग ने कहा कि हाथियों से जुड़े ट्रेन हादसों को रोकने के लिए दोनों मंत्रालयों द्वारा अनुमोदित सामान्य सलाह रेलवे को 2010 में संयुक्त रूप से जारी की गई थी.


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सलाह में रेलवे पटरी के किनारों पर वनस्पति की सफाई, हाथियों को जाने की अनुमति देने के लिए रेलवे पटरी के पास ‘अंडरपास/ओवरपास’, ट्रेन चालकों को पूर्व-चेतावनी देने के लिए साइनेज बोर्ड, ट्रेन चालकों, ‘गार्ड’ और स्टेशन मास्टरों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम, रेलवे पटरी हाथियों की आवाजाही और हाथियों को आकर्षित करने वाले व्यर्थ भोजन से रेलवे पटरी को मुक्त रखना शामिल है . 


लेखापरीक्षा विभाग और क्षेत्रीय रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा नौ क्षेत्रीय रेलवे (क्षेत्रीय रेलवे) पर 18 मंडलों के 102 खंडों में किए गए संयुक्त निरीक्षण से पता चलता है कि चिन्हित स्थानों पर हाथियों की आवाजाही के लिए सुरंग (अंडरपास) और पुल (रैंप) के निर्माण में 76 प्रतिशत की कमी है. पृथक स्थानों पर बाड़ लगाने में 41 प्रतिशत की कमी और रेलवे नियंत्रण कार्यालयों में वन विभाग के कर्मचारियों की तैनाती में 64 प्रतिशत की कमी है . 


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