यूपी के इस जिले में है MP के नए सीएम मोहन यादव की ससुराल, 7 साल पहले गुरु ने कहा था- CM बनोगे
Mohan Yadav Sultanpur Connection: MP के मनोनीत सीएम की पत्नी सीमा सुल्तानपुर से आती हैं. यहां के यादव परिवार तक नए सीएम पद पर मोहन बैठेंगे, यह खबर पहुंचने में कुछ समय लगा. अधिकांश अन्य लोगों की तरह, उन्हें भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि दामादजी MP की सीएम बन गए.
Mohan Yadav Sultanpur Connection: उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर के ओम नगर इलाके में बुजुर्ग ब्रह्मदीन यादव का परिवार भाजपा नेता मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मनोनीत मुख्यमंत्री बनाए जाने से बेहद खुश है. एक तरीके से कहें तो इस घर से मोहन यादव का कनेक्शन बेहद खास है. बता दें कि यादव की ससुराल सुल्तानपुर की है. उनको नए सीएम बनाने की घोषणा के बाद, इलाका अपने 'दामादजी मुख्यमंत्री' के लिए खुशी से झूम उठा.
MP के मनोनीत सीएम की पत्नी सीमा सुल्तानपुर से आती हैं. यहां के यादव परिवार तक नए सीएम पद पर मोहन बैठेंगे, यह खबर पहुंचने में कुछ समय लगा. अधिकांश अन्य लोगों की तरह, उन्हें भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि दामादजी MP की सीएम बन गए.
ब्रह्मदीन व साथ ही उनके सबसे छोटे बेटे विवेकानंद ने कहा, 'हमें कुछ भी पता नहीं था.' विवेकानंद ने कहा, 'बहुत सारे नाम थे. हालांकि दामादजी ने पिछली सरकार में राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में अच्छा काम किया था, फिर भी, उन्हें सीएम पद के लिए चुना जाना कुछ ऐसा था जिसकी हमने कल्पना नहीं की थी.'
उन्होंने बताया कि अगस्त 2022 में, जब वह मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री थे तह मोहन यादव आखिरी बार बीमार ब्रह्मदीन से मिलने ओम नगर आए थे.
RSS से नाता
विवेकानन्द ने कहा, 'अपने पति की तरह सीमा भी RSS से आती है. दोनों ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, संघ का छात्र संगठन) के साथ थे. दरअसल, मेरी बहन पहली बार मोहनजी से एमपी में एबीवीपी के एक कार्यक्रम में मिली थी. दोनों की शादी 1994 में एक सादे समारोह में उज्जैन में हुई थी.'
विवेकानंद के अलावा, सीमा के अन्य दो भाई हैं. सबसे बड़े भाई रामानंद, सेवानिवृत्त भारतीय वायु सेना अधिकारी हैं जो अब जबलपुर में रहते हैं और सदानंद हैं, जो रीवा में रहते हैं.
गुरु का कहा सच हुआ
बता दें कि 2016 में उज्जैन महाकुंभ में पहुंचे मोहन को नेपाली बाबा ने मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था. मोहन यादव अयोध्या के प्रख्यात संत व रामघाट स्थित सीताराम नाम आश्रम के संस्थापक स्वामी आत्मानंददास के शिष्य हैं और पिछले बहुत समय से वे स्वामी जी के साथ रहे.
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