नई दिल्लीः नोएडा स्थित बैंक के आरटीजीएस चैनल को हैक करके 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगाने का मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने नोएडा सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक से 84 बार में ये राशि निकाली. बैलेंस शीट का मिलान सही न होने पर सामने आया कि ठगों ने बैंक के सर्वर में घुसपैठ की है. बैंक की ओर से साइबर क्राइम थाने, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और अन्य एजेंसियों की इसकी शिकायत दी गई है.


बैलेंस शीट के मिलान में मिला अंतर


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पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, गत 17 जून को बैलेंस शीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार रुपये का गैप मिला. वहीं इसके बाद आरटीजीएस टीम ने जांच की तो पाया कि कोर बैंकिंग सिस्टम और स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम में कुछ कमियां हैं. आरटीजीएस संदेश में देरी समझते हुए अगले दिन का इंतजार किया गया. लेकिन 18 जून को भी बैलेंस शीट में 2 करोड़ 19 लाख 23 हजार से ज्यादा का अंतर मिला. 


आरटीजीएस टीम का मानना था कि सिस्टम लाइन में कुछ दिक्कतें हैं लेकिन 20 जून को आरबीआई प्रणाली की समीक्षा में पता चला कि 85 फीसदी ट्रांजेक्शन रुपये में हुआ है और 84 बार ट्रांजेक्शन धोखाधड़ी से हुआ है. 


बैंकों को राशि फ्रीज करने के लिए लिखा


बैंक के आईटी मैनेजर का कहना है कि आरटीजीएस को हैक करके धोखाधड़ी हुई है. आरटीजीएस सेटलमेंट से आरबीआई खाते से निकाले गए रुपये कई बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं. धोखा करके निकाले गए पैसे को फ्रीज करने के लिए संबंधित बैंकों को लिखा गया है. वहीं जिन बैंक खातों में यह राशि गई है, उनके अकाउंट होल्डर को केवाईसी दस्तावेज लाने के लिए कहा गया है. अब तक धोखे से भेजे गए 69 लाख 49 हजार रुपये बैंकों ने फ्रीज कर लिए हैं.


 



मामले में एसीपी साइबर विवेक रंजन राय ने कहा कि शिकायत में 16 से 20 जून के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बैंक के सर्वर को हैक कर 16.5 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने की बात कही गई है. जांच में 89 अकाउंट सामने आए हैं, इसके संबंध में विशेष टीम का गठन कर जांच की जा रही है.


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