नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में तीन प्रमुख सत्रों में भाग लेने उम्मीद है. पीएम मोदी स्वास्थ्य, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के उबरने और ऊर्जा एवं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के दृष्टिकोण को सामने रखेंगे. मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को इंडोनेशियाई शहर बाली के लिए रवाना होंगे, जहां यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभावों सहित वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक विचार-विमर्श होने की उम्मीद है. बाली में 15 और 16 नवंबर को होने वाला दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया जी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपेगा.


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मोदी और अन्य नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे. शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिखर सम्मेलन से इतर मोदी कई नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठक करेंगे, लेकिन शी जिनपिंग के साथ बैठक होगी या नहीं, इस सवाल का उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.


क्या बोले विदेश सचिव
क्वात्रा ने कहा, ‘अन्य नेताओं के साथ ये द्विपक्षीय बैठकें अभी निर्धारित होने की प्रक्रिया में हैं.’ दोनों नेताओं ने सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, लेकिन उनके बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी. क्वात्रा ने कहा कि मोदी बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के तीन प्रमुख सत्रों-- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन और स्वास्थ्य-- में भाग लेंगे.


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जी20 के नेता दुनिया के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और इनसे निपटने में मदद के वास्ते बहुपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करेंगे.’ 


भारत को एक साल के लिए मिलेगी अध्यक्षता
विदेश सचिव ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत के लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह एक दिसंबर से एक साल के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा. क्वात्रा ने कहा, ‘अगले अध्यक्ष के रूप में भारत वैश्विक दक्षिण के हितों के मुद्दों को एक बड़ी आवाज प्रदान करने का प्रयास करेगा और संतुलित तरीके से जी20 एजेंडा को आगे बढ़ाएगा.’ 


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