परत-दर-परत खुल रही नीट लीक की साजिश, अब तक 18 गिरफ्तारियों के बाद क्या-क्या आया सामने
नीट-यूजी में कथित गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है. वहीं बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पांच लोगों को और गिरफ्तार किया है. साथ ही पेपर लीक की साजिश की परतें खुलती जा रही हैं. वहीं बिहार और गुजरात सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी है.
नई दिल्लीः नीट-यूजी में कथित धांधली के मामले में सीबीआई और बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) लगातार शिकंजा कसती जा रही है. सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है. वहीं ईओयू ने पांच और लोगों को झारखंड के देवघर से पकड़ा है. इसके बाद अरेस्ट हुए लोगों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.
17 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोका
उधर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने कदाचार का पता चलने के बाद 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया. नीट को रद्द करने की मांग को लेकर अधिकारियों ने सरकार का रुख दोहराया कि गड़बड़ी की घटनाएं 'स्थानीय' और छिटपुट स्तर पर हुईं. ऐसे में सही ढंग से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में डालना उचित नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी मामला पहुंचने के बाद 1563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए गए थे. इन छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा हुई जिसमें 813 अभ्यर्थी ही शामिल हुए. एनटीए ने इनको 5 मई को परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण छह केंद्रों पर समय की हानि की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स दिए थे.
बिहार-गुजरात ने सीबीआई को सौंपी जांच
बिहार और गुजरात सरकार ने भी रविवार को नीट-यूजी पेपर लीक के मामलों को सीबीआई को देने के लिए एक अधिसूचना जारी की. वहीं बिहार पुलिस की ईओयू ने शनिवार को शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद व्यापक जांच के लिए जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
ईओयू ने जिन पांच और लोगों को देवघर से पकड़ा, उनकी पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में की गई. सभी मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं.
इस तरह लीक हुआ नीट-यूजी
बयान में कहा गया कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल पर नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका मिली थी. इसमें दावा किया गया है कि मुखिया गिरोह के सदस्यों ने ही इसे लीक किया था.
जांच से पता चला कि बलदेव और उसके सहयोगियों ने चार मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिका बांटी. पहले गिरफ्तार किए जा चुके दो व्यक्ति नीतीश कुमार और अमित आनंद परीक्षार्थियों को वहां लेकर गए थे.
बयान के मुताबिक, मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्न पत्र कथित तौर पर झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था. इसमें कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने पटना के मकान से बरामद आंशिक रूप से जले हुए प्रश्न पत्र का एनटीए की ओर से उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया, जिससे लीक की पुष्टि हुई.
एनटीए की मानक प्रक्रिया की अवहेलना
बयान में दावा किया गया है कि प्रश्न पत्रों को संभालने और भेजने के लिए एनटीए की निर्धारित मानक प्रक्रिया की भी कथित तौर पर अवहेलना हुई. ईओयू ने प्रश्न पत्रों को एक से दूसरी जगह पर ले जाने से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की, जिनमें बैंक अधिकारी और एक कुरियर कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे. मुखिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं.
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