नई दिल्लीः अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. छात्रों को इन परीक्षाओं में से अपने सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की अनुमति होगी. बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब बोर्ड परीक्षाओं का उद्देश्य छात्रों में विषयों की समझ का मूल्यांकन करना होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई पद्धति से कोचिंग और याद रखने की आवश्यकता में कमी आएगी.


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जानिए क्या है सरकार की प्लानिंग
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान विषयों का चयन सीमित नहीं रहेगा. छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा में अपनी पसंद के विषय चुनने की सुविधा मिलेगी.केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कक्षा 11 और 12 के छात्रों को कम से कम दो भाषाएं पढ़नी होंगी. मंत्रालय का कहना है कि 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इन भाषाओं में से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए.दरअसल, बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क पर एक संयुक्त व महत्वपूर्ण बैठक बुलाई.


शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि शिक्षा मंत्रालय ने आगे की कार्रवाई के लिए ही इसे एनसीईआरटी को दिया है.
गौरतलब है कि एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार करती हैं. एनसीईआरटी ने करिकुलम पर दो समितियां बनाई हैं. इनमे राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति बनाई हैं.


शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा 3 से 12 तक के लिए भविष्य की शिक्षण और शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए कहा गया है. इसको लेकर पहली ओरिएंटेशन बैठक बुधवार को हुई.शिक्षा मंत्री का कहना है कि हमें विश्वास है कि नई पाठ्यपुस्तकें सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगी. खासतौर पर जब दुनिया भारत से बहुत उम्मीद कर रही है, जब पीएम ने अमृत काल का सपना दिखाया है, ऐसे समय में नई पाठ्यपुस्तकें आवश्यकताओं को पूरा करेंगी.


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