नूंह हिंसा: मुस्लिम व्यापारियों की एंट्री पर लगे रोक, न खरीदें कोई सामान, वायरल हो रहे पत्र
कुछ गांवों के संरपचों द्वारा कथित रूप से लिखे गए इन पत्रों में कहा गया है कि पंचायतों ने मुस्लिम समुदाय और शरारती तत्वों को कोई भी व्यवसाय करने की `अनुमति` न देने का फैसला किया है.
नई दिल्लीः हरियाणा के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव के बीच राज्य के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में कुछ पंचायत प्रमुखों द्वारा कथित तौर पर अपने गांवों में मुस्लिम व्यापारियों पर "प्रतिबंध" लगाने के लिए लिखे गए पत्र ऑनलाइन सामने आए हैं. हाल के दिनों में इन जिलों के कुछ सरपंचों द्वारा कथित तौर पर लिखे गए लगभग एक जैसे पत्रों में 31 जुलाई को नूंह जिले में हुई हिंसा का हवाला दिया गया है जिसमें भीड़ ने विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर हमला किया था. नूंह हिंसा में दो होम गार्ड समेत पांच लोगों की मौत हुई थी.
पुलिस ने लिया संज्ञान
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन सामने आए पत्रों का संज्ञान लिया है और मामले की जांच की जा रही है. कुछ गांवों के संरपचों द्वारा कथित रूप से लिखे गए इन पत्रों में कहा गया है कि पंचायतों ने मुस्लिम समुदाय और शरारती तत्वों को कोई भी व्यवसाय करने की "अनुमति" न देने का फैसला किया है.
इन लोगों का विशेष रूप से जिक्र
पत्रों में विशेष तौर पर फेरीवालों, पशु व्यापारियों और भीख मांगने वालों का जिक्र किया गया है. हालाँकि, जब संपर्क किया गया, तो महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी के कई सरपंचों ने किसी विशेष समुदाय को लेकर ऐसा कोई पत्र जारी करने की बात से इनकार किया. महेंद्रगढ़ की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि सरकारी अधिकारियों के समक्ष ऐसा कोई पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है.
गुप्ता ने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सोशल मीडिया शायद यह दावा कर रहा है कि इन्हें (गांव के सरपंचों द्वारा) संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है. जहां तक हमें पता है, आज तक ऐसा कोई मामला एसडीएम के पास नहीं आया है. इसलिए, किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को किसी भी सरपंच द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं सौंपा गया है.’’ उन्होंने कहा, "हालांकि, मीडिया में जो चल रहा है, हमने उसका स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं."
क्या बोल रहे हैं सरपंच
महेंद्रगढ़ के सैदपुर के सरपंच विकास ने कहा कि उन्होंने एक पत्र जारी किया था लेकिन इसे एसडीएम को नहीं भेजा गया था, और न ही गांव द्वारा कोई प्रस्ताव पारित किया गया था. हालांकि, उन्होंने पत्र की सामग्री के बारे में बात नहीं की. विकास ने कहा, ''3,500 की आबादी वाले गांव में नूंह की घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया था और किसी भी बाहरी व्यक्ति की वजह से कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी.'' यह पूछे जाने पर कि क्या पत्र में किसी खास समुदाय का जिक्र है, उन्होंने कहा, ''हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, नूंह हिंसा के संबंध में कुल 57 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और अब तक 188 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हरियाणा में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि नूंह में हिंसा भाजपा-जजपा सरकार की "विफलता" के चलते हुई.
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