नई दिल्ली.    ‘ए प्रोमिज्ड लेंड’ नामक पुस्तक में प्रकाशित पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के संस्मरण भारत में बहस का विषय बने हुए हैं. अपनी बुद्धिजीविता के लिये जाने जाने वाले बराक ओबामा की इस पुस्तक के प्रथम भाग में वर्ष 2010 की उनकी प्रथम भारत-यात्रा का उल्लेख मिलता है. इस दौरान उनकी भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और सोनिया गांधी के पुत्र राहुल से भेंट हुई थी. इस भेंट की विश्लेषणात्मक प्रस्तुति ओबामा की पुस्तक में पढ़ी जा सकती है.


क्या लिखा है 'आत्मकथा' में 


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'ए प्रॉमिज़्ड लैंड' है बराक ओबामा की आत्मकथा जिसमें उन्होंने राजीव गांधी के विषय में लिखा है - ‘उनमें एक ऐसे घबराये हुए और अपरिपक्व छात्र के गुण हैं, जिसने अपना गृहकार्य तो किया है और टीचर को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. किन्तु गहराई से देखें तो उनमें योग्यता का अभाव दर्शित होता है और उतनी ही कमी दिखती है किसी विषय पर विशेषज्ञता प्राप्त करने के जुनून की’. इसी तरह मनमोहन सिंह के लिये ओबामा लिखते हैं कि ‘एक तरफ जहां व्लादिमीर पुतिन उन्हें एक कड़क और चतुर बॉस की याद दिलाते हैं. वहीं भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह में एक भावशून्यता दिखाई देती है जो ईमानदारी के साथ मिलकर उनको बाकी लोगों से भिन्न बनाती है.'


जन्म दे दिया राजनीतिक विवाद को


ओबामा की ये पुस्तक दुनिया में उतनी चर्चित हो या न हो, भारत में बहुचर्चित हो गई है. इसमें ओबामा की मनमोहन, सोनिया और राहुल से मुलाकात का विवरण है जो भारत के पक्ष-विपक्ष के बीच काफी नोक-झोंक की वजह बन गया है. 


कांग्रेस की पतनशीलता के दौर में हुआ विवाद


कदाचित ये विवाद अभी इसलिये भी अधिक उभरा है क्योंकि एक तरफ घाव ही घाव हैं और दूसरी तरफ मरहम नहीं है. कांग्रेस नामकी राष्ट्रीय पार्टी बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और गुजरात आदि राज्यों में ही पतनग्रस्त नहीं है, देश भर में ही उसके बुरे दिन गतिमान हैं. आशंकित पूर्ण राजनीतिक पराजय ने उसके भावी भारतीय अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है .ऐसे में राहुल गांधी को ओबामा के द्वारा आत्मविश्वासरहित उथला-सा नौजवान बताना पार्टी के आत्मविश्वास की हत्या करने जैसा प्रयास प्रतीत हुआ है.


वास्तविकता को स्वीकार करना होगा


ओबामा की टिप्पणी राहुल के लिये बहुत ही मुलायम किस्म की समीक्षा है. राहुल को लेकर कांग्रेस को वास्तविक विचारणा की आवश्यकता है. राहुल को लेकर देश क्या सोचता है, ये कई बार सामने आ चुका है तदापि कांग्रेसीजन या तो चुप रहने को विवश हैं या फिर सार्वजनिक तौर पर उनकी प्रशंसा के गीत गाने को मजबूर हैं.


पूर्वाग्रह मुक्त व्यक्ति हैं ओबामा


हिलैरी के खिलाफ चुनाव जीतने वाले बराक ओबामा खुले दिल के आदमी हैं. अपनी सज्जनता के लिये वे अमेरिका में सुविख्यात हैं. मोदी पर उन्होंने कुछ क्यों नहीं लिखा –इसका कारण अवश्य विचारणीय है. संभव है कि उनकी पुस्तक का अगला खंड मोदी की भांति अन्य बड़े वैश्विक नेताओं पर आधारित हो. हो सकता है कि उसमें वे मोदी की आलोचना कर दें जो उनके विरोधियों के लिये उन पर हमला करने योग्य हथियार बन जाये.


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