Odisha News: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शुक्रवार(14-15 सितंबर की रात का मामला) को पुलिस हिरासत में भारतीय सेना के एक अधिकारी की मंगेतर के यौन उत्पीड़न के मामले की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग की. ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की और इसे 'बहुत चौंकाने वाला' बताया.


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नवीन पटनायक ने कहा, 'भुवनेश्वर के एक पुलिस स्टेशन में एक आर्मी मेजर और उनकी मंगेतर के साथ जो हुआ, उसके बारे में सभी ने सुना है. उन दोनों के साथ हुई हिंसा और मेजर की मंगेतर पर यौन उत्पीड़न की यह बहुत ही चौंकाने वाली खबर है. हम इस मामले की पूरी न्यायिक जांच की मांग करते हैं और इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए.'


बीजेडी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी इस घृणित कृत्य की निंदा करती है और उम्मीद करती है कि भाजपा सरकार इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. नवीन पटनायक ने X पर लिखा, 'भरतपुर पुलिस स्टेशन में जिस तरह से एक आर्मी मेजर और एक महिला के साथ व्यवहार किया गया, वह चौंकाने वाला और समझ से परे है. जिस तरह से पुलिस ने उनके साथ व्यवहार किया है, उसने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. यह ओडिशा में एक सेवारत आर्मी ऑफिसर और एक महिला के साथ हुआ है.'


 



ओडिशा पुलिस के पांच कर्मी निलंबित
ओडिशा पुलिस ने बुधवार को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी के साथ मारपीट और उनकी मंगेतर के साथ छेड़छाड़ के मामले में पांच कर्मियों को निलंबित कर दिया था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाईबी खुरानिया द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पांचों पुलिस कर्मियों को घोर कदाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.


विरोध प्रदर्शन
सेना अधिकारी की मंगेतर के यौन उत्पीड़न में शामिल आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने शुक्रवार को पुलिस भवन के सामने धरना दिया.


पटनायक ने कहा, 'हमारी सरकार के दौरान हमारे पास MoSarkar की व्यवस्था थी, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी नागरिकों को पुलिस स्टेशनों और अस्पतालों सहित सरकारी कार्यालयों में उनके दौरे के बारे में फीडबैक लेने के लिए बुलाते थे, कि क्या उनके साथ सम्मान और पेशेवर आचरण के साथ व्यवहार किया गया था?'


पटनायक ने दावा किया, 'इस भाजपा सरकार ने MoSarkar की जनहितकारी पहल को तुरंत रोक दिया है और इसके परिणाम सामने हैं.'


उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य में भाजपा सरकार की अक्षमता को दर्शाती है. राज्यपाल रघुबर दास के बेटे द्वारा एक ओडिया अधिकारी पर हमले का जिक्र करते हुए, पटनायक ने कहा, 'जिस दिन भाजपा सरकार ने राज्यपाल के बेटे के खिलाफ हमले के एक गंभीर मामले में कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, उसी दिन से अन्य लोगों का हौसला बढ़ गया.'


उन्होंने कहा, 'मैं अभी भी इस सरकार से राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं. मैं सेना के मेजर और महिला के खिलाफ इस गंभीर घटना की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग करता हूं.'


सेना अधिकारी की मंगेतर का चौंकाने वाला बयान
भुवनेश्वर में एक रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला ने गुरुवार को एम्स भुवनेश्वर से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद इस घटना के बारे में बताया. उनका अस्पताल में जबड़े के डिस्लोकेशन सहित कई चोटों का इलाज चल रहा था.


पुलिस द्वारा उन पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार की गई महिला को बुधवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश पर जमानत पर रिहा किया गया. उच्च न्यायालय 26 सितंबर को उनके और सेना अधिकारी के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द करने की उसकी याचिका पर सुनवाई करेगा.


रिहा होने के बाद, सेना अधिकारी ने बुधवार को भरतपुर पुलिस स्टेशन में कर्मियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.


भुवनेश्वर में एक रेस्तरां चलाने वाली वकील महिला ने कहा कि रविवार को आधी रात को अपने रेस्तरां को बंद करने के तुरंत बाद, उसे और उसके मंगेतर को कुछ लोगों के समूह ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. अब मामला यहां से शुरू होता है जब इस घटना की शिकायत करने दोनों पुलिस थाने जाते हैं.


5 बड़ी बातें, जो महिला ने बताईं
1. उन्होंने कहा, 'किसी तरह हम वहां से भाग निकले और मामला दर्ज कराने भरतपुर पुलिस स्टेशन गए. रिसेप्शन पर बैठी एक महिला पुलिस कांस्टेबल के अलावा वहां कोई नहीं था. हमने उनसे शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया क्योंकि गाड़ी में कई युवक थे और वे कभी भी हमारा पीछा कर सकते थे और इसलिए पुलिस गश्त हमारे लिए मददगार होगी. हालांकि, मेरी शिकायत दर्ज करने के बजाय, उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया.'


2. उन्होंने आरोप लगाया, 'मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने मुझे लॉकअप में डाल दिया. जब मैंने आवाज उठाई कि वे सेना के किसी अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है, तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी.'


3. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने खुद को वकील बताया तो महिला कांस्टेबल नाराज हो गई और उसके साथ दुर्व्यवहार किया.


4. उन्होंने कहा, 'इस बीच, महिला पुलिसकर्मी समेत कई पुलिसकर्मियों के साथ एक पुलिस गश्ती वाहन पुलिस स्टेशन पहुंचा. फिर दो महिला अधिकारियों ने मेरे बाल खींचने शुरू कर दिए और मुझे पीटना शुरू कर दिया. जब मैंने उनसे रुकने की गुहार लगाई, तो उन्होंने मुझे पुलिस स्टेशन के गलियारे में घसीटा. जब उनमें से एक मेरा गला घोंट रही थी, तो मैंने उसका हाथ काट लिया. उन्होंने मेरी जैकेट उतार दी और उससे मेरे दोनों हाथ बांध दिए और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को दुपट्टे से बांध दिया और मुझे एक कमरे में फेंक दिया.'


5. पीड़िता ने बताया, 'बाद में एक पुरुष अधिकारी आया और मेरी ब्रा उतारने के बाद लगातार मेरी छाती पर लात मारता रहा. फिर थाने का इंस्पेक्टर आया, अपनी पैंट की जिप खोली, अपने गुप्तांग दिखाए और मुझे कहा कि क्या मैं उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती हूं. उसने मेरे साथ छेड़छाड़ भी की.'


एनसीडब्ल्यू ने लिया स्वतः संज्ञान
इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. एनसीडब्ल्यू ने एक्स पर पोस्ट किया, 'डीजीपी को एक औपचारिक पत्र भेजा गया है, जिसमें 3 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है. तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की उम्मीद है.' इस बीच, चंदका पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने सेना अधिकारी और महिला के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया था.


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