ओडिशा रेल हादसाः जान गंवाने वालों के परिजनों को मिलेगी नौकरी, ममता बनर्जी का ऐलान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. बनर्जी ने कहा कि भीषण हादसे में अंग गंवाने वालों के परिजनों को भी सरकारी नौकरी दी जाएगी.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. बनर्जी ने कहा कि भीषण हादसे में अंग गंवाने वालों के परिजनों को भी सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन लोगों को भी नकद सहायता देगी, जो कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे और फिलहाल मानसिक व शारीरिक आघात से गुजर रहे हैं.
जानिए क्या बोले ममता बनर्जी
बनर्जी अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे घायल यात्रियों से मिलने के लिए मंगलवार को भुवनेश्वर और कटक जाएंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में पश्चिम बंगाल के 206 घायल यात्रियों को भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा, “कटक के अस्पतालों में भर्ती 33 यात्रियों की हालत गंभीर है.” बनर्जी ने कहा कि बंगाल के कुछ मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ जाएंगे.
वह बुधवार को पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह राशि के चेक और नियुक्ति पत्र वितरित करेंगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दुर्घटना पर किसी भी तरह की राजनीति में नहीं पड़ना चाहतीं और घायल यात्रियों व उनके परिवारों की हर संभव मदद के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने कहा कि ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए राज्य के यात्रियों के इलाज और पुनर्वास की निगरानी के लिए बनर्जी ने आज अंतिम समय में दार्जिलिंग की अपनी चार दिवसीय यात्रा रद्द कर दी.
उधर, बालासोर ट्रिपल ट्रेन त्रासदी में बचाव अभियान पूरा हो चुका है. घायल यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और कई को छुट्टी भी दे दी गई है. लेकिन ओडिशा सरकार के सामने बड़ी चुनौती शवों की पहचान की है.
जहां कुछ शव लावारिस पड़े हैं, वहीं दो अलग-अलग परिवारों ने एक ही शव पर दावा किया है. अधिकारियों ने कहा कि शव बुरी हालत में होने के कारण परिवार के सदस्यों को पहचान करने में कठिनाई हो रही है.
एम्स भुवनेश्वर के मुर्दाघर में 123 शवों को संरक्षित किया गया है, जबकि अन्य 70 को राजधानी अस्पताल, सम अस्पताल, अमरी अस्पताल, केआईएमएस अस्पताल और भुवनेश्वर के हाई-टेक अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है.
भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा, हम कुछ शवों की पहचान करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि शव बहुत खराब स्थिति में हैं और चेहरों की ठीक से पहचान नहीं हो पा रही है. ऐसे मामलों में हमें डीएनए परीक्षण करके आगे बढ़ना होगा.
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