नई दिल्ली. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने कहा है कि दर्शनशास्त्र की सबसे पुरानी पुस्तक ऋग्वेद है. प्रोफेसर शौनक ऋषि दास आईआईएम रोहतक के छात्रों को गेस्ट लेक्चर देने भारत आए हैं. IIM रोहतक के एमबीए कार्यक्रम में 'इंडियन नॉलेज सिस्टम' एक पार्ट है. इसमें महाभारत, वेदों और उपनिषदों के प्रबंधन और व्यापार सिद्धांत हैं. 


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क्या बोले प्रोफेसर शौनक ऋषि
प्रोफेसर शौनक ने भी 'भारतीय ज्ञान से नेतृत्व' विषय पर छात्रों को जानकारी दी. प्रोफेसर दास, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज के निदेशक हैं. प्रोफेसर ने कहा-अनंत काल का यह विचार एक भारतीय विचार है, जो सरल दार्शनिक प्रश्न पूछकर आया है. मनुष्य को ज्ञात फिलॉसफी की सबसे पुरानी पुस्तक ऋग्वेद है. भारतीय ज्ञान की एक और महत्वपूर्ण अवधारणा है ऋत- ब्रह्मांड अत्यधिक व्यवस्थित है और ब्रह्मांड में व्यवस्था है.


उन्होंने कहा- यह व्यवस्था समग्र है और धर्म, कर्म, सेवा और यज्ञ की बात करता है. यह व्यवस्था अंत: संबंध के बारे में बात करती है, जो प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है. रीता ने रितु को उत्पन्न किया जो साइकिल यानी चक्र के बारे में बात करती है, उनमें से एक चक्र है लेन-देन. यह चक्र व्यापार के लिए अहम है. जब उत्थान होगा तो पतन भी होगा.


एमबीए कार्यक्रम का हिस्सा
बता दें कि प्राचीन भारतीय ज्ञान पर पाठ्यक्रम आईआईएम रोहतक के मुख्य एमबीए कार्यक्रम का हिस्सा है. यह पाठ्यक्रम छात्रों को भारत के ऐतिहासिक आख्यानों से मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिसमें महाभारत, वेदों और उपनिषदों जैसे महाकाव्यों में पाए गए प्रबंधन और व्यापार सिद्धांतों पर जोर दिया गया है.


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