बेंगलुरु. कर्नाटक में एक बड़े घटनाक्रम में राज्य पुलिस ने पाकिस्तान समर्थक नारों के मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की है. दरअसल हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद कांग्रेस नेता नसीर हुसैन के समर्थकों द्वारा विधानसभा परिसर में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने का मामला आया था. इस संदर्भ में सेंट्रल डीसीपी के कार्यालय ने सोमवार को एक प्रेस नोट जारी कर गिरफ्तारियों की पुष्टि की है. बता दें कि इस मामले में विपक्षी बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेर रही थी.


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कौन हैं आरोपी
एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि आरोपियों की पहचान दिल्ली के इल्ताज, आरटी निवासी मुन्नवर, बेंगलुरु के नागर और राज्य के हावेरी जिले के बयादागी शहर के निवासी मोहम्मद नाशीपुडी के रूप में हुई है. इन तीनों को मेडिकल जांच के बाद एसीएमएम अदालत के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा. मामला दर्ज करने वाली विधान सौध पुलिस ने ये गिरफ्तारियां की हैं. गिरफ्तारियां फोरेंसिक रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, आरोपियों के बयान और जांच के दौरान पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर की गईं.


बीजेपी ने लगाए आरोप
इस बीच राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार ने पुलिस को अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामलों को दबाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा-सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामलों को दबाने और बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ मामले दर्ज होने पर तत्काल कार्रवाई शुरू करने का स्पष्ट निर्देश है.


आर अशोक ने कहा-कर्नाटक के नागरिक के तौर पर मैं इन घटनाक्रमों से दुखी हूं. अगर दोनों मामलों (पाकिस्तान जिंदाबाद नारा विवाद और बेंगलुरु में रामेश्‍वरम कैफे विस्फोट मामला) में तुष्टिकरण के आरोप साबित हो जाते हैं, तो क्या वे सरकार को भंग कर देंगे? अगर दोनों मामलों में आतंकी संबंध स्थापित हो जाता है तो क्या सरकार में सभी लोग अपना इस्तीफा सौंप देंगे? कैफे विस्फोट को व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम होने की बात किसने कही? राज्‍य के गृहमंत्री दबाव में हैं.


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