नई दिल्लीः साल 2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर बुधवार को लोकसभा में बड़े पैमाने पर सुरक्षा में चूक के बाद सूत्रों ने बताया कि लोकसभा ने सदन में सांसदों के निजी सहायकों (पीए) के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस बीच, स्पीकर ओम बिरला ने सदन को दिनभर के लिए स्थगित करने से पहले सुरक्षा में चूक को "गंभीर मुद्दा" करार दिया. उन्होंने सदस्यों को यह भी बताया कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी.


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जांच के दिए आदेश
बिरला ने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. बिरला ने कहा कि जो कुछ हुआ, वह "हम सभी के लिए चिंता का विषय और एक गंभीर मुद्दा था." उन्होंने दर्शक दीर्घा से मुख्य हॉल में प्रवेश करने वाले दो व्यक्तियों को पकड़ने के लिए सदन के सांसदों और सुरक्षा मार्शलों की भी सराहना की.


14 अगस्त तक सदन स्थगित
बयान देने के बाद बिरला ने सदन की कार्यवाही 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. पकड़े गए दोनों लोगों की पहचान मनोरंजन कुमार और सागर शर्मा के रूप में की गई है. शर्मा ने कर्नाटक के मैसुरु से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा का हवाला देकर विजिटर पास बनवाया था.


उधर, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को संसद की सुरक्षा चूक छह व्यक्तियों के एक समूह द्वारा सावधानीपूर्वक नियोजित और कोऑर्डिनेटेड ऑपरेशन था, जिन्होंने योजना तैयार करने के लिए इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बातचीत बनाए रखी थी. सूत्रों के अनुसार, ''संदिग्धों ने कई दिन पहले योजना तैयार की और बुधवार को संसद में प्रवेश करने से पहले रेकी की और अपने कृत्य को अंजाम देने के लिए 13 दिसंबर की तारीख चुनी थी.''


एक साझा विचारधारा से एकजुट होकर, उन्होंने सामूहिक रूप से सरकार को एक संदेश देने का लक्ष्य रखा. वे एक साल से अधिक समय से सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में थे.


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